फ्लैग-आरयू वीसी ने बताया, प्रैक्टिकल और एग्जाम के चलते कम स्टूडेंट्स ने किया पार्टिसिपेट

-नेटबॉल के टूर्नामेंट में ग‌र्ल्सऔर ब्वॉयज की 5-5 टीमों को करना था पर्टिसिपेट

-6 लाख स्टूडेंट्स में सिर्फ 84 स्टूडेंट्स ने किया पार्टिसिपेट, ट्रायल के बाद स्टूडेंट्स लौटे घर

यह भी जानें

-536 कॉलेजेज हैं आरयू से एफिलिएटेड

-9 डिस्ट्रिक्ट में हैं आरयू के कॉलेजेज

-18 जनवरी तक सभी टीमों को आरयू में कराना था कंफर्म

-21 जनवरी को मेन्स नेटबॉल का था टूर्नामेंट

-22 जनवरी को ग‌र्ल्स नेटबॉल का था टूर्नामेंट

-3 टीमें ब्वॉयज की पहुंची

-4 टीमें ग‌र्ल्स की पहुंची

बरेली: माना पढ़ाई जरूरी है पर स्पो‌र्ट्स से दूरी अच्छी बात नहीं है। क्योंकि सभी जानते हैं आज के टाइम में स्पो‌र्ट्स की इंपॉटर्ेंस क्या है, लेकिन आरयू प्रशासन को शायद यह नहीं मालूम। तभी तो स्टूडेंट्स नेटबॉल के टूर्नामेंट में खेलने की बजाए सिर्फ ट्रायल देकर घर लौट रहे हैं। हैरत की बात है कि नेटबॉल के लिए छह लाख स्टूडेंट्स में सिर्फ 84 स्टूडेंट्स ही पहुंचे जिससे जिन्होंने हिम्मत दिखाई उनको भी मायूसी का सामना करना पड़ा।

लेटर भेज पूरी की जिम्मेदारी

आरयू प्रशासन ने अपने सभी एफिलिएटेड कॉलेजज को लेटर भेजकर स्टूडेंट्स को पार्टिसिपेट करने के लिए बोला था। लेकिन क्या सिर्फ लेटर भेजने से ही जिम्मेदारी पूरी हो जाती है। असल में ज्यादातर कॉलेजज में स्टूडेंट्स को नेटबॉल के बारे में पता ही नहीं है। न ही कॉलेजज में नेटबॉल खेलने की सुविधा है। ऐसे में कम स्टूडेंट्स का आना कोई बड़ी बात नहीं है।

ब्वॉयज से आगे ग‌र्ल्स

आरयू के एफिलेटिड कॉलेजेज की बात करें तो 536 कॉलेज हैं जिनमें ग‌र्ल्स और ब्वॉयज की 5-5 टीमों को पार्टिसिपेट करना था। एक टीम में 12 प्लेयर होने थे। लेकिन ग‌र्ल्स के लिए सिर्फ चार ही टीमें पहुंची जबकि ब्वॉयज के लिए सिर्फ तीन टीमें पहुंची जिससे किसी को भी टूर्नामेंट में खेलने का मौका नहीं मिला।

न आने का कारण एग्जाम

जब कम स्टूडेंट्स आने के बार में आरयू प्रशासन से बात की तो उन्होंने एग्जाम का बहाना बना दिया। उनके मुताबिक अभी प्रैक्टिकल और आगे एग्जाम के चलते स्टूडेंट्स नहीं आए जबकि हकीकत में किसी भी स्टूडेंट को पार्टिसिपेट करने के लिए अवेयर नहीं किया गया। जिससे स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम रही।

आरयू की वेबसाइट पर नोटिस अपलोड किया गया था। साथ ही सभी कॉलेजज को भी नोटिस भेजा था लेकिन स्टूडेंट्स नहीं आए। क्योंकि उनके प्रैक्टिकल शुरू हो गए कें और एग्जाम भी करीब आ चुके हैं।

प्रो। एके जेटली, क्रीड़ा सचिव, आरयू