सेंटिंग के लिए बीएसए दफ्तर पहुंच रही शिक्षिकाएं

प्रमोशन के लिए रोस्टर प्रणाली में संघ के मंत्रियों को दी जा रही है सुविधा

BAREILLY:

प्राइमरी स्कूलों में प्रमोशन काउंसिलिंग प्रक्रिया खत्म होने के बाद अब बचे पदों को मेल टीचर्स के द्वारा भरा जाएगा। जिसके लिए रोस्टर प्रणाली अपनायी जानी है। जिसमें पांच शिक्षकों का नेता होना का फायदा मिलने वाला है। रोस्टर प्रक्रिया में इन पांच शिक्षक नेताओं की नियुक्ति उसी ब्लाक में होगी जिसमें ये सहायक अध्यापक के रुप में पढ़ा रहे थे। बीएसए द्वारा रोस्टर प्रणाली के तहत बनायी जा रही प्रमोशन लिस्ट में इस सुविधा का खास ख्याल रखा जा रहा है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पांच मंत्रियों को कथित शासनादेश के तहत ये लाभ दिया जाएगा।

वेडनेसडे को इस संघ के जिला अध्यक्ष नरेश पाल गंगवार व अन्य सदस्यों ने बीएसए से जाकर नियुक्ति प्रक्रिया इस शासनादेश के अनुसार कराने की बात कही, जिसपर बीएसए की सहमती बन गई। हालांकि इस संघ द्वारा सभी दूसरे शिक्षकों को भी उसी विकास खंड में नियुक्त करने का अनुरोध किया है, जिसमें वे सहायक अध्यापक के रुप में पढ़ा रहे थे ताकि ज्यादा से ज्यादा शिक्षक प्रमोशन का फायदा ले सके। लेकिन इस बात पर बीएसए की ओर से सहमति नही प्राप्त हो सकी।

प्रिंसिपल तो बनना है लेकिन दूर गांव नहीं जाना चाहती

प्रमोशन काउंसिलिंग खत्म होते ही शिक्षिकाएं अपनी परेशानियां लेकर बीएसए के बाबुओं के पास पहुंचने लगी है, मनमाफिक स्कूल चुनने की आजादी के बाद भी कई फीमेल टीचर्स ऐसी है जो काउंसिलिंग में सिलेक्ट किये स्कूल से संतुष्ट नही है। सिटी के कम दूरी वाले स्कूलों में अब तक सहायक अध्यापक रही ये शिक्षिकाएं प्रमोशन पाने को तो आतुर है, लेकिन किसी दूर दराज के गांव में प्रधानाध्यापक बनना नहीं चाहती।

ऐसे में किसी दूसरे रास्ते की जुगत लिये कई शिक्षिकाएं बीएसए दफ्तर के पहुंच वाले बाबुओं से मिलने पहुंची। इन शिक्षिकाओं की व्यथा बाबूओं के लिए कमाई का अच्छा अवसर है, ऐसे में वे इन्हे रोस्टर प्रक्रिया के दौरान सेटिंग भिड़ाने का आश्वासन दे रहे है।