-शासन ने जोगिन्दर को बनाया जिले का नया पुलिस कप्तान, दीपक कुमार वेटिंग में

-चीफ जस्टिस ने किया स्पॉट का निरीक्षण, डिस्ट्रिक्ट जज से ली जानकारी

-गुरुवार को हाईकोर्ट के वकीलों ने मानव श्रृंखला बनाकर जताया विरोध

-एक रेस्टोरेंट में तोड़फोड और पुतला दहन, तनावपूर्ण शांति

ALLAHABAD: गुरुवार को माहौल में तनावपूर्ण खामोशी थी। पुलिस अपनी जगह मुस्तैद थी और वकील अपने दायरे में प्रदर्शन और पुतला दहन कर रहे थे। एक रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ के अलावा कोई बड़ी घटना नहीं हुई। लेकिन, कचहरी में आलमोस्ट कोई काम भी नहीं हुआ। पब्लिक को निराश लौटना पड़ा। शाम को चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ खुद स्पॉट का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट जज से घटना की रिपोर्ट ली। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच हाई कोर्ट की टीम से कराने का फैसला लिया है। उधर, शासन ने देर शाम एसएसपी दीपक कुमार को यहां से हटा दिया। उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है। उनके स्थान पर जोगिन्दर कुमार को तैनात किया गया है। इस मामले में गुरुवार की शाम तक कुल दस मुकदमे दर्ज किए जा चुके थे और करीब आधा दर्जन तहरीरें थानों में पेंडिंग थीं।

टायर जलाया, रेस्टोरेंट पर पथराव

पूर्व घोषित प्रोग्राम के अनुसार वकीलों ने गुरुवार को काम नहीं किया। सुबह क्क्.फ्0 बजे हाईकोर्ट चौराहे पर उनका जमावड़ा हुआ। तय हुआ कि यहीं प्रोटेस्ट करेंगे। इसी दौरान किसी ने चौराहे पर टायर जला दिया। पुलिस ने इस पर रिएक्ट करने की जगह पब्लिक को सुरक्षित निकालने पर कंसंट्रेट कर दिया तो मामला आगे नहीं बढ़ा। इसके बाद वकीलों ने मानव श्रृंखला बनाई। प्रोटेस्ट खत्म होने के बाद चौराहे पर बने एक रेस्टोरेंट वाले से वकीलों का कुछ विवाद हुआ तो पथराव शुरू हो गया। इससे रेस्टोरेंट के बाहर लगे शीशे नष्ट हो गए। सीनियर पुलिस आफिसर्स ने मामला शांत कराया।

आम सभा बुलाई

इसके बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय की अध्यक्षता में आम सभा हुई। इसमें तय हुआ कि साथी नवी अहमद की हत्या के विरोध में क्फ् मार्च तक स्ट्राइक जारी रखी जाय। इसमें कोर्ट कैंपस में विशेष पुलिस बल की तैनाती का मुद्दा उठा। घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग उठाई गई। अंत में दो मिनट का मौन रखकर मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।

विरोध में पुतला फूंका

दूसरी तरफ कचहरी पर सुबह से ही सन्नाटा पसरा था। कचहरी में वकीलों ने मीटिंग कर आगे की रणनीति तय की। उन्हें पुलिस के रवैए पर बेहद एतराज था। मिटिंग के बाद निकले अधिवक्ताओं ने चौराहे पर पुलिस और प्रशासन का पुतला फूंका। उधर, इलाहाबाद सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन ने भी काम ठप रखा। यहां के वकीलों की एक सभा हुई। इसमें पुलिस के व्यवहार की निंदा की गई। एडवोकेट नवी के घर वालों को मुआवजा देने की मांग की गई। अध्यक्षता उमापति केसरी ने व संचालन एनके श्रीवास्तव ने किया। इसी तरह उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन, लायर्स विजन हाईकोर्ट इलाहाबाद और ट्रेड टैक्स बार एसोसिएशन ने भी स्ट्राइक का समर्थन किया और पुलिस के रवैए की निंदा की।

एलर्ट रही पुलिस फोर्स

पुलिस को पहले से ही पता था कि गुरुवार को एडवोकेट अपना प्रोटेस्ट करेंगे। ऐसे में पुलिस आफिसर ने इसकी पूरी तैयारी कर लिया था। हाईकोर्ट के बाहर आरएएफ लगा दी गई थी। हाईकोर्ट पहुंचने वाले सभी चौराहों पर बैरिकेटिंग लगाकर आमजनों को वहां जाने से पुलिस ने रोक दिया। यह हाल कचहरी जाने वाले रास्तों का था। पुलिस क्लब के पास ही बैरिकेटिंग लगाकर नो एंट्री कर दी गई थी। लक्ष्मी जगराम चौराहे से भी कॉमन मैन की नो इंट्री थी। आईजी बृज भूषण शर्मा ने गुरुवार को कमान अपने हाथ में रखी। सुबह से ही पुलिस फोर्स के साथ शहर में मूव करते रहे। कंसंट्रेशन एरिया सिविल लाइंस और हाईकोर्ट के आसपास था। शाम को पुलिस और हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के साथ मीटिंग हुई।