- महापंचायत में प्रदेश के अधिवक्ता संगठनों ने सरकार पर साधा निशाना

- मृतक अधिवक्ता के परिजनों को पचास लाख मुआवजा की उठाई मांग

ALLAHABAD: कचहरी में सरेआग की गई अधिवक्ता नवी की हत्या के विरोध में संडे को आयोजित महापंचायत में जुटे अधिवक्ता संगठनों कड़े तेवर दिखे। कोर्ट परिसर स्थित संघ हाल में अधिवक्ताओं ने सरकार पर अधिवक्ता हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ एसएसपी को हटाने से काम नहीं चलेगा। दरोगा द्वारा अधिवक्ता की हत्या के बाद पुलिस की बर्बर कार्रवाई को सपोर्ट करने वाले डीएम को भी हटाना होगा। यही नहीं सरकार मृतक अधिवक्ता के परिजनों को पचास लाख मुआवजा देने के साथ ही मामले की सीबीआई जांच कराए। इसके बाद ही अधिवक्ताओं का गुस्सा शांत होगा। एसएसपी को

महापंचायत में लिए गए निर्णय

- सभी अधिवक्ता वादकारियों के हित को ध्यान रखकर हाईकोर्ट में दाखिल पीआईएल की संयुक्त रुप से पैरवी करेंगे

- यूपी बार कौंसिल को सभी अधिवक्ताओं की तरफ से पत्र लिखकर कार्यवाही के लिए प्रस्ताव पारित हुआ

- प्रदेश सरकार से डीएम को हटाए जाने व मृतक अधिवक्ता के परिजनों को पचास लाख मुआवजे की मांग

- कर्नलगंज पुलिस द्वारा की जा रही विवेचना रोककर मामले की सीबीआई जांच कराई जाए

- सभी अधिवक्ताओं ने संघ के प्रस्ताव को एक सुर में किया समर्थन

ये रहे मौजूद

महापंचायत में जिला अधिवक्ता संघ के प्रेसीडेंट शीतला प्रसाद मिश्र, मंत्री देवेन्द्र मिश्र नगहरा, इरशाद अहमद अंसारी, सुधाकर पाण्डेय, भानु प्रताप सिंह, राजेन्द्र श्रीवास्तव, दिनेश श्रीवास्तव, लक्ष्मी कांत मिश्र, प्रमोद सिंह नीरज, विद्या भूषण, वीरेन्द्र कुमार शुक्ला, आशीष शुक्ला आदि मौजूद रहे।

- अधिवक्ता नबी अहमद के साथ जो घटना हुई, उससे हम सभी दुखी हैं। कोर्ट व अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर हमारी मांग है। साथ ही मृतक अधिवक्ता के परिजनों को पचास लाख मुआवजा दिया जाए।

अतुल सिंह

- डीएम का शहर से तबादला हो तथा मृतक अधिवक्ता के परिवार को पचास लाख मुआवजा दिया जाए।

विक्रम सिंहा

- अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार की हम निंदा करते हैं। अधिवक्ताओं और कोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा प्रदेश सरकार ले।

अनूप सिंह

- प्रदेश भर में अधिवक्ताओं पर हमले हो रहे हैं, फिर भी सरकार खामोश है। इस महापंचायत के माध्यम से अधिवक्ता हित में कई निर्णय लिए गए हैं।

कौशलेश सिंह