-हाइ कोर्ट बार के कोषाध्यक्ष समेत पांच की सदस्यता रद्द करने का फैसला

-बार के काम पर लौटने के फैसले के खिलाफ जाकर आमरण अनशन पर बैठे हैं सभी

-जिला अधिवक्ता संघ मांग पर कायम, हड़ताल जारी, आज होगा महासम्मेलन

ALLAHABAD: वकीलों का आंदोलन जारी रहे या इसे वापस ले लिया जाय? कोर्ट में मर्डर जैसी वारदात न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? इस पर मंथन के लिए फ्राइडे को प्रदेशभर के वकीलों का जमावड़ा इलाहाबाद में होगा। वैसे हाइ कोर्ट में गुरुवार से सामान्य कामकाज शुरू हो गया। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकील आज भी स्ट्राइक पर रहे। हाइ कोर्ट के कुछ वकील आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। वैसे इसका हाइ कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई पर कोई असर नहीं था। हाइ कोर्ट बार के अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि किसी भी सदस्य या पदाधिकारी का इस्तीफा अब आते ही स्वीकार कर लिया जाएगा।

सत्ता पक्ष के वकीलों का समर्थन

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शीतला प्रसाद मिश्र की अध्यक्षता में गुरुवार को आम सभा हुई। इसमें सपा के वरिष्ठ नेता एडवोकेट विजय वैश्य भी पहुंचे। उन्होंने कचहरी में हुई घटना की कड़े शब्दों में निंदा की। अध्यक्ष ने बताया कि फ्राइडे को प्रदेश के समस्त बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का सम्मलेन जिला अधिवक्ता संघ इलाहाबाद के सभागार होगा। इसमें आगे के आंदोलन रणनीति तय होगी। अध्यक्ष एवं मंत्री ने जिले के समस्त बार के साथ कैट बार, सेल्स टैक्स बार, डीआईटी बार, कमिश्नरी बोर्ड आफ रेवेन्यू बार के साथ तहसीलों के अध्यक्ष से सम्मेलन में पहुंचने की अपील की है।

पांच सदस्यों का निष्कासन

सोमवार को आम सभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद हाइ कोर्ट में आज से सामान्य कामकाज शुरू हो गया। बार की आपातकालीन मिटिंग शाम को कमेटी रूम में अध्यक्ष राकेश पांडेय की देखरेख में हुई। इसमें लगभग सभी पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे। इसमें तय हुआ कि जो भी पदाधिकारी या सदस्य अपने पद से इस्तीफा देगा उसे तत्काल स्वीकृत कर लिया जाएगा। इसके लिए अध्यक्ष एवं महासचिव को अधिकृत किया गया कि वे तत्काल फैसला लें। इसमें कोषाध्यक्ष के इस्तीफे को भ्रामक प्रचार बताया गया। निर्णय लिया गया कि बुधवार को हुए फैसले के खिलाफ जाकर काम कर रहे कोषाध्यक्ष राजीव शुक्ला, पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु पांडेय, अजय मिश्रा, कृष्ण मनोहर एवं रीतेश श्रीवास्तव को संगठन से निलंबित करने का फैसला लिया गया। इसके अलावा पिछले दिनों एक रेस्टोरेंट में तोड़फोड़, पानी टंकी के पास अराजकता फैलाने और तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने का निर्णय हुआ। इसमें किसी का नाम तो सीधे-सीधे नहीं लिया गया है लेकिन अंबेडकर चौराहे पर अनशन करने वालों की ओर इशारा जरूर किया गया है। तय किया गया कि इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की सूचना चीफ जस्टिस को दी जाय और इनका नाम एडवोकेट रोल से हटाने के लिए महानिबंधक हाइ कोर्ट को सूचित किया जाय। इस कार्रवाई से निबंधक चिट एवं फंडस सोसाइटी को सूचित करने का फैसला लिया गया ताकि उनकी सदस्यता निलंबित करने की वैधानिक कार्रवाई की जा सके। बार ने काम करते हुए जिला कचहरी के अधिवक्ताओं के आंदोलन को सहयोग करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को बार की मिटिंग फिर होगी।

आमरण अनशन में बदला अनशन

उधर, कथित रूप से हाइ कोर्ट बार के कोषाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे चुके राजीव शुक्ला, अजय मिश्रा, विष्णु पाण्डेय, रितेश श्रीवास्तव, संजय सिंह और राजीव कुमार ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक डीएम-एसएसपी को हटाया नहीं जाता, आंदोलन चलता रहेगा। उधर, लंच के बाद वकीलों एक गुट हाईकोर्ट से बाहर निकला और रोड पर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस को हाईकोर्ट की तरफ जाने वाली गाडि़यों को डाइवर्ट करना पड़ा।

सुबह से शाम तक दे रहे हैं ड्यूटी

वैसे तो हाईकोर्ट के आदेश पर वकीलों की सुरक्षा के लिए आरएएफ लगा दी गई है। फिर भी शहर के कई थानों की पुलिस कचहरी और हाईकोर्ट के पास ड्यूटी दे रही है। दो थानेदार और सीओ की ड्यूटी पुलिस क्लब पर लगी है। एसएसपी आफिस में सीओ, एडिशनल के अलावा खुद एसएसपी क्राइम ब्रांच की टीम के साथ लगे रहे।