- इलाहाबाद में वकील की हत्या के विरोध में देशभर में बंद रहा काम, पटना में भी काम पूरी तरह ठप

PATNA: पटना हाईकोर्ट समेत सभी कोर्ट का काम पूरी तरह ठप रहा। वकीलों कोर्ट पहुंचे जरूर, मगर अपने न्यायिक काम नहीं किया। इससे पूरी तरह कोर्ट का काम प्रभावित हो गया। एक भी सुनवाई नहीं और कई मामलों में तो पेश होने को आये आरोपी भी लौटाये गए। पटना हाईकोर्ट के करीब क्0 हजार एडवोकेट और सिविल कोर्ट पटना के फ् हजार वकीलों ने अपना काम ठप रखा, बाकी काम तो चले मगर उससे मामले आगे नहीं बढ़ पाये। हाईकोर्ट के भी बार काउंसिल में कई वकीलों के चैम्बर में ताला लटका रहा, जबकि कुछ में लोग थे मगर काम नहीं हो रहा था। सभी विरोध में आराम करते नजर आये। उधर, सिविल कोर्ट के एनआईए कोर्ट में भी पटना बम ब्लास्ट कांड के आरोपी कोर्ट पहुंचे, मगर उनकी पेशी नहीं हो सकी। मंडे को एक आरोपी तौफीक अंसारी के जुबेनाइल होने पर आदेश सुनाया जाना था, लेकिन वकीलों के अलग रहने के कारण नहीं हो सका।

कई केस की सुनवाई नहीं हुई

दलितों पर अत्याचार के चल रहे केसेज के भी फ्भ् मामलों पर सुनाई होनी थी। एडवोकेट एससी प्रसाद ने बताया कि करीब फ्भ् केसों में गवाही सहित कई तरह की तारीख थी, मगर नहीं हो पाई। इस संबंध में सिविल कोर्ट में मौजूद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कुमार सिंह हिमांशु ने बताया कि वकीलों ने खुद को न्यायिक कार्य से अलग रखा है, जिससे पूरा काम ठप रहा। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद के जिला कोर्ट में जिरह के बाद पुलिस द्वारा एडवोकेट नबी अहमद को गोली मारकर हत्या करने के विरोध में देश भर में काम नहीं हुआ। बिहार भर में करीब एक लाख वकीलों ने काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की स्ट्राइक पर जाने से रोक रखा है, यही कारण है कि लोग हड़ताल नहीं करते, बल्कि न्यायिक कार्य से खुद को अलग रखते हैं। पटना में भी कई बार जिरह के दौरान पुलिस वालों से बहस हो जाती है। इस मौके पर मौजूद बार काउंसिल के जेनरल सेक्रेटरी अरविन्द कुमार सिन्हा ने बताया कि वकीलों को सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए।