काबूल (एएनआई)। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद कई देश मानवीय भावना का ध्यान रखते हुए अपने स्तर पर वहां के नागरिकों की मदद कर रहे हैं। भारत औऱ पाकिस्तान ने भी अफगानिस्तान की मदद के लिए गेहूं भेजा था। मदद में भेजे गए गेहूं को लेकर एक वीडियो पोस्ट होने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। अफगानिस्तान के पत्रकार अब्दुल्ला ओमेरी ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें तालिबान का एक अधिकारी कह रहा है कि पाकिस्तान से आया गेहूं खाने लायक नहीं है। वहीं अफगानिस्तान के लोग भारत को अच्छे गेहूं के लिए धन्यवाद दे रहे हैं। हालांकि पाकिस्तानी गेहूं की खराब प्रकृति पर ये टिप्पणी करने वाले तालिबान अधिकारी को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था।

पाकिस्तान की आलोचना, भारत का धन्यवाद

एक यूज़र हमदुल्ला अरबाब ने ट्विटर पर पोस्ट में लिखा कि 'अफगानिस्तान के लोगों की हमेशा मदद करने के लिए धन्यवाद भारत। हमारे संबंध हमेशा बने रहेंगे। जय हिंद' एक अन्य अफगानी यूजर नजीब फरहोदीस ने ट्वीट किया, 'पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान को दान किया गया सारा पाकिस्तानी गेहूं खराब है जिसका उपयोग खाने के लिए नहीं किया जा सकता है। भारत ने हमेशा अफगानिस्तान की मदद की है।'

मदद पहुंचा कर भारत निभा रहा वादा

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद भारत ने अफगानियों की मदद के लिए इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजेगा। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि 2000 मीट्रिक टन गेहूं लेकर भारत की मानवीय सहायता का दूसरा काफिला गुरुवार को अटारी, अमृतसर से जलालाबाद, अफगानिस्तान के लिए रवाना हुआ। यह अफगान लोगों के लिए 50,000 मीट्रिक टन गेहूं की भारत की प्रतिबद्धता का हिस्सा है और इसे संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा वितरित किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा, 'भारत अफगानिस्तान के लोगों के साथ अपने विशेष संबंधों के लिए प्रतिबद्ध है।'

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