-यूपी बोर्ड की मान्यता छोड़ सीबीएसई के लिए कर रहे स्कूल ओनर अप्लाई

BAREILLY:

यूपी बोर्ड के स्कूल कॉलेज से पेरेंट्स का पहले ही मोहभंग हो चुका है। ज्यादातर पेरेंट्स अपने बच्चों को सीबीएसई के स्कूलों में ही पढ़ाना चाहते हैं। वहीं अब यूपी बोर्ड के कॉलेज के संचालक भी यूपी बोर्ड से नाता तोड़ रहे हैं। वह यूपी बोर्ड से नाता तोड़कर दूसरे बोर्ड से अपने कॉलेज को एफिलेशन लेना चाहते हैं। इसके लिए स्कूल ओनर यूपी बोर्ड से एनओसी के लिए अप्लाई भी कर रहे हैं ताकि वह दूसरे बोर्ड से एफिलेशन के लिए अप्लाई कर सकें। डिस्ट्रिक्ट के करीब चार कॉलेज यूपी बोर्ड से नाता तोड़ भी चुके हैं। जबकि कई अन्य कॉलेज ने भी अप्लाई करने का मन बनाया है।

ये ले चुके हैं सीबीएसई से एफिलेशन

आदर्श हायर सेकंड्री स्कूल, जीसस एंड मेरी, जनता कॉलेज, सेंट फ्रांसिस कॉलेज सहित कई अन्य कॉलेज भी सीबीएसई से एफिलेशन ले चुके हैं। जबकि कई कॉलेज ने यूपी बोर्ड से एनओसी अप्लाई करने के साथ सीबीएसई से भी एफिलेशन के लिए अप्लाई कर दिया है। हालांकि इस बारे में स्कूल संचालक कुछ बोलने से कतराते रहे कि उन्होंने यूपी बोर्ड को छोड़कर सीबीएसई को वरीयता क्रम में क्यों रखा। एक स्कूल संचालक ने नाम न छापने की तर्ज पर बताया कि स्कूल में प्री बोर्ड सिर्फ सीबीएसई कायदे से कराता है। जबकि इस बार सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड ने भी कराया लेकिन अधिकांश कॉलेज में प्री बोर्ड के नाम पर सिर्फ खानापूि1र्त की गई।

रूल्स सिर्फ कागजों में

यूपी बोर्ड के अधिकांश कॉलेज में सिर्फ नाम के लिए रूल्स होते हैं। यूपी बोर्ड ने भी सीबीएसई की तर्ज पर 1 अप्रैल से सत्र शुरू कर दिया है लेकिन उसका कोई औचित्य ही नहीं रह गया। क्योंकि कॉलेज में सत्र तो शुरू होता है लेकिन समय से न तो पढ़ाई होती है और न बच्चे ही आते हैं। इसीलिए अब पेरेंट्स भी अपने बच्चों को यूपी बोर्ड के स्कूलों में नहीं भेजना चाहते हैं।

डिफरेंस

यूपी बोर्ड

-एक अप्रैल से सत्र शुरू लेकिन सिर्फ कागजों में

-मूल्यांकन के समय अधिकांश शिक्षक चले जाते हैं इससे पढ़ाई प्रभावित होती है

-यूपी बोर्ड के एडेड कॉलेजेज में टीचर्स की कमी

सीबीएसई बोर्ड

-एक अप्रैल से सत्र शुरू होने के पहले दिन से पढ़ाई शुरू।

-मूल्यांकन में शिक्षक नहीं जाते हैं

-सीबीएसई के कॉलेजेज में स्कूल टीचर्स की कमी नहीं होती है

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यूपी बोर्ड में अब पढ़ाई नहीं हो पाती है। इसीलिए मैंने भी बच्चें का एडमिशन सीबीएसई कॉलेज में कराया है। क्योंकि यूपी बोर्ड में कोई शेड्यूल ही नहीं है।

त्रिविद, पेरेंट

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हमने तो अपने बच्चे का एडमिशन सीबीएसई में कराया है, क्योंकि यूपी बोर्ड के कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों में इंग्लिश की प्रॉब्लम आती है। इससे बाद में प्रॉब्लम पैदा करती है।

जगत गंगवार

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अपने बच्चे को यूपी बोर्ड में भेजने से भी कोई फायदा नहीं क्योंकि वहां पर शिक्षकों की कमी है इसके चलते वहां पर पढ़ाई नहीं हो पाती है।

आरती, पेरेंट

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हम भी यूपी बोर्ड से पढ़े हैं लेकिन वहां पर पढ़ाई तो पहले भी नहीं थी। अब स्तर और भी गिर गया। इसीलिए बच्चों का एडमिशन सीबीएसई में कराया है।

सियाराम पेरेंट

यूपी बोर्ड के कई कॉलेजों के ओनर्स ने सीबीएसई की भी एफिलेशन ले रखी है। इसमें अब वही बेहतर जानते हैं, कि ऐसा क्यों कर रहे हैं, लेकिन यूपी बोर्ड के कॉलेज अधिक हैं।

डॉ। अचल कुमार मिश्रा, डीआईओएस