जमशेदपुर : हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अल्पसंख्यक स्कूल की तीन शिक्षिकाओं को पांच साल बाद पूर्वी सिंहभूम के शिक्षा विभाग ने वेतन निर्गत किया। इन तीनों शिक्षिकाओं के लिए कुल 81 लाख रुपये का वेतन कोषागार में भेज दिया गया। इसकी सूचना पूर्वी सिंहभूम के जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार की ओर से प्राथमिक शिक्षा निदेशक को दे दी गई।

15 दिन में वेतन देने का निर्देश

हाई कोर्ट इन शिक्षिकाओं का वेतन 15 दिन के अंदर निर्गत करने का निर्देश दिया था। टिनप्लेट खालसा मिडिल स्कूल की शिक्षिका प्रीतपाल कौर, कमलजीत कौर, मधु शर्मा की नियुक्ति वर्ष 2014 में स्कूल प्रबंधन द्वारा किया गया था। इन शिक्षिकाओं के नियुक्ति के सत्यापन को लेकर कई बार स्थानीय शिक्षा विभाग ने इसका अनुमोदन किया। लेकिन प्राथमिक शिक्षा निदेशक के स्तर से जांच के नाम पर इनका वेतन निर्गत करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन अंतत: इन शिक्षिकाओं ने हाई कोर्ट का सहारा लिया, जिसमें उनके पक्ष में 16 अक्टूबर को फैसला आया था। इसी तरह पूर्वी सिंहभूम जिला के 54 शिक्षक-शिक्षिकाओं के हक में फैसला आने की उम्मीद है। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद इन शिक्षिकाओं के वेतन निर्गत होने के बाद अन्य 54 शिक्षक-शिक्षिकाओं में आस जगी है। इन शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अलग-अलग मामला हाईकोर्ट में दर्ज करा रखा है। विभाग ने इनकी नियुक्ति को अवैध करार दिया था, उसके बाद ये सारे शिक्षक-शिक्षिकाएं हाई कोर्ट चले गए, जहां एक-एक स्कूल कर सुनवाई हो रही है।

याचिका पर सुनवाई नहीं

हाई कोर्ट रांची में शुक्रवार को आंध्र एसोसिएशन स्कूल कदमा की छह शिक्षिकाओं के मामले में सुनवाई होनी थी। इन्हें भी 2015 से वेतन नहीं मिला है। लेकिन इनके वकील उदित सरकार के निधन के कारण यह सुनवाई नहीं हो सकी। नई तिथि मिलने के बाद इन शिक्षिकाओं के मामले में सुनवाई होगी।

ट्रांसफर की सुनवाई टली

पूर्वी सिंहभूम जिला में 74 प्राथमिक शिक्षकों के स्थानांतरण के बाद इस पर रोक लगाई थी। यह रोक प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने लगाई थी। लेकिन सरायकेला-खरसावां में जिला स्थापना समिति द्वारा किए गए स्थानांतरण पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगी। शिक्षा विभाग की इस दोहरी नीति के खिलाफ सारे पूर्वी सिंहभूम के शिक्षक हाई कोर्ट चले गए। इस मामले में सुनवाई शुक्रवार को होनी थी। इनके वकील उदित सरकार थे। लेकिन उनके निधन के कारण यह सुनवाई शुक्रवार को नहीं हो सकी।