एक्सक्लूसिव

- किराया तय न हो पाने से सिटी को मिलीं 30 जनरथ बसें हो रहीं कबाड़

- महीनों पहले बन गया रूट प्लान, रोड पर दौड़ने की जगह फिर भी फांक रही धूल

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KANPUR। जनरथ बसें रोडवेज विभाग के पास आ तो गईं हैं लेकिन उनका किराया तय न हो पाने की वजह से रोड पर नहीं चल पा रही हैं। करोड़ों की लागत से बनी जनरथ बसें कबाड़ हो रही हैं। पब्लिक को अभी कितना इंतजार करना पड़ेगा, रोडवेज अफसर ये भी बता पाने की स्थिति में नहीं हैं।

सुविधाओ सें फुल एसी बसें

सिटी को 30 जनरथ एसी बसें मिली हैं। पूरी तरह से वातानुकूलित इन बसों में काफी सहूलियतें हैं। सबसे खास बात ये है कि कानपुर से रूटीन में चलने वाली ये पहली एसी बसें होंगी। फिलहाल जो एसी बसें चलती हैं वो वाया कानपुर होते हुए जाती हैं।

चुनाव बाद ही तय होगा

एआरएम झकरकटी राजेश सिंह ने बताया कि किराए तय करने के लिए शासन से अगले आदेश का इंतजार करना है। ट्रांसपोर्ट अधिकारी आरएम के साथ इस पर बातचीत कर रहे हैं। किराया इस हिसाब से रखना है जो पब्लिक की जेब पर भारी न पड़े और रोडवेज को भी नुकसान न हो। आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में चुनाव के बाद ही किराया सेट होने की उम्मीद है।

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वर्जन:

जनरथ बसों का किराया तय होना है। बसों का रूट चार्ट बन चुका है। जिसमें ज्यादातर पैसेंजर्स के चलने वाले रूट लिए गए हैं। इससे पब्लिक को फायदा होगा। जैसे ही किराया तय होगा ये बसें रोड पर दौड़ने लगेंगी। कब तक ये फाइनल होगा ये बता पाना मुश्किल है।

- राजेश सिंह, एआरएम, झकरकटी बस अड्डा