नई दिल्ली (एएनआई)। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम नहीं कसने को लेकर फिर से अपनी 'ग्रे' लिस्ट में डाल दिया है। इसके साथ उसने पाक को यह चेतावनी भी दी है कि अगर वह अगले कुछ महीनों में इन मसलों से निपटने में असफल होता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद चीन ने शुक्रवार को हर तरह से आतंकवाद की निंदा की है और सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलकर लड़ने का आग्रह किया है।

भारत और चीन आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध

तमिलनाडु में शी-मोदी की अनौपचारिक बैठक के बाद एएनआई से खास बातचीत में भारत में चीन के राजदूत सुन वेडॉन्ग ने कहा, 'भारत और चीन हर तरह से आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने सभी देशों से आतंकवाद से लड़ने में अंतररार्ष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने का भी आग्रह किया है।' बता दें कि इस साल की शुरुआत में चीन ने एफएटीएफ की अध्यक्षता का कमान संभाला है। चूंकि, पाकिस्तान चीन का सबसे खास सहयोगी है, इसलिए यह माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस साल एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट होने से बच सकता है। लेकिन अगर पाकिस्तान टेरर फंडिंग और अपने यहां से पनपने वाले आतंक पर तुरंत कार्रवाई नहीं करता है तो उसकी मुसीबत काफी बढ़ जाएगी।

Modi Xi Summit: पीएम मोदी के साथ चेन्नई में अनौपचारिक बैठक के लिए चीन से भारत रवाना हुए राष्ट्रपति चिनफिंग

पीएम इमरान ने चीन से मांगी थी मदद

एफएटीएफ के अध्यक्ष जियांगमिन लियू ने शुक्रवार को सत्र के पूरा होने के बाद पेरिस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, 'पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक अपनी पूर्ण कार्य योजना को तेजी से पूरा करने के लिए कहा गया है और वह इसमें विफल होता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।' बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे से पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी बीजिंग का दौरा किया था। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान खान ने एफएटीएफ द्वारा ब्लैकलिस्टिंग से बचने के लिए चीन से मदद मांगी थी।

International News inextlive from World News Desk