नई दिल्ली (एएनआई)केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जिसके बाद एसोसिएशन ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर मेडिकल प्रोफेशनल्स पर हो रहे हमलों के खिलाफ अपने देशव्यापी विरोध को वापस ले लिया है। आईएमए द्वारा एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'सरकार की तत्काल उच्च-स्तरीय प्रतिक्रिया और स्वयं गृह मंत्री द्वारा दिए गए ठोस आश्वासन को देखते हुए, यह तय किया जाता है कि हमारे देश की एकता व अखंडता को बनाए रखने के लिए 22वें और 23वें काला दिवस का व्हाइट अलर्ट विरोध वापस ले लिया गया है।' वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक के बाद, शाह ने कहा कि कार्य स्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा और गरिमा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता हैै।

डॉक्टरों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी

शाह ने ट्वीट किया, 'कार्य स्थल पर हमारे डॉक्टरों की सुरक्षा और प्रतिष्ठा से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है। हर समय उनके लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। मैंने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि मोदी सरकार उनके कारण के लिए प्रतिबद्ध है और उनके प्रस्तावित विरोध पर पुनर्विचार करने की अपील की है।' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन, एमसीआई बीओजी के अध्यक्ष डॉ. वी के पॉल और अन्य अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे। डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, 'श्री अमितशाह जी ने आज वीसी के माध्यम से आईएमए के साथ बातचीत की, जिसके दौरान मैं भी उनके साथ मौजूद था। उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा का आश्वासन दिया और उन्हें विरोध नहीं करने की अपील की। डॉक्टरों ने सरकार के साथ इस आपदा से लड़ने का आश्वासन भी दिया।' इससे पहले, आईएमए ने घोषणा की थी कि अगर सरकार डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा पर केंद्रीय कानून लागू करने में विफल रहती है तो वह 23 अप्रैल को काला दिवस के रूप में मनाएगी।

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