लखनऊ (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को गुरुग्राम के एक अस्पताल में जब कोविड का टीका लगाया, तो उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि इससे उत्तर प्रदेश में वैक्सीन की राजनीति शुरू हो जाएगी। मुलायम सिंह यादव ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में खुद को कोविड का टीका लगवाया। सोशल मीडिया पर जैसे ही सपा संस्थापक की एक तस्वीर वायरल हुई, सत्तारूढ़ भाजपा ने खिंचाई करने में व्यस्त हो गई। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए उम्मीद जताई कि सपा संस्थापक से प्रेरणा लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कार्यकर्ता भी खुद को टीका लगवाएंगे।

अखिलेश यादव ने टिप्पणी की थी कि टीका एक 'भाजपा का टीका'

उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा, अब यह लोगों पर निर्भर करता है कि मुलायम ने बीजेपी को प्रचार दिया या उनके बेटे द्वारा फैलाए गए भ्रम को खत्म किया। यह याद किया जा सकता है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टिप्पणी की थी कि टीका एक 'भाजपा का टीका' है और वह खुद को टीका नहीं लगवाएंगे। मैं उस टीके पर कैसे भरोसा कर सकता हूं जिसका इस्तेमाल भाजपा टीकाकरण के लिए करेगी? हम भाजपा के टीके से टीका नहीं लगा सकते हैं। अखिलेश ने कुछ महीने पहले लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था। बीजेपी ने अखिलेश के यादव के बयान को वैक्सीन के असर को लेकर लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश बताया था।

मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने भी टीका लगवाया

डिप्टी सीएम मौर्य ने उनसे अब माफी मांगने के लिए कहा कि उनके पिता ने टीका लगवाया है। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने भी टीका लगवाया है। ज्यादातर सपा नेताओं ने वैक्सीन नहीं ली है। वहीं कुछ लोगों ने गुपचुप तरीके से लिया है। अखिलेश ने बाद में स्पष्ट किया था कि उन्हें देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों पर पूरा भरोसा है और उन्हें वैक्सीन बनाने की उनकी क्षमता को लेकर कोई भ्रम नहीं है लेकिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी को लेकर भ्रम है।

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