- देर रात लिसाड़ी गेट में हुई मुठभेड़ में सिपाही की गोली मारकर हत्या

- बदमाश की पहचान कंकरखेड़ा के कुख्यात नूर अली उर्फ नूरा के रूप में हुई

- भर्ती सिपाही की तहरीर पर दर्ज किए दो मुकदमें

- पुलिस लाइन में सलामी देने के बाद गुलावठी के लिए भेजा गया सिपाही का शव

- देर शाम परिजनों ने कर दिया अंतिम संस्कार

Meerut: लिसाड़ी गेट एरिया में पुलिस और बदमाश के बीच मुठभेड़ में सिपाही शहीद हो गया। साथी को गोली लगने के बाद साथी सिपाही आपा खो बैठा, उसने राइफल की बट से पीट-पीटकर बदमाश की हत्या कर दी। सिपाही ने आनंद हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली तो बदमाश ने मेडिकल इमरजेंसी में दम तोड़ दिया। सुबह बदमाश की बहन ने मेडिकल पहुंचकर बदमाश की पहचान की। पुलिस ने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कराया। सिपाही के शव को सलामी देने के बाद पुलिस अभिरक्षा में उसके गांव भेजा दिया है। बाद में बदमाश के शव को भी पुलिस सुरक्षा में सुपूर्द-ए-खाक करा दिया गया।

क्या था मामला

लिसाड़ीगेट थाने के सिपाही एकांत यादव और लोकेश भाटी दोनों रपट नंबर फ्क् के तहत साढ़े सात बजे फैंटम लेकर लिसाड़ी गांव चमन कालोनी में गश्त कर रहे थे। सामने से आ रही होंडा सीडी डिलक्स बाइक को लोकेश राठी ने रूकने का इशारा किया, लेकिन बदमाश नहीं रूका तो दोनों सिपाहियों ने फैंटम को बदमाश के पीछे दौड़ा दी थी। बदमाश का पीछा करते सिपाही फतेउल्लापुर की टाइल्स फैक्ट्री के पास पहुंच गए। बजरी पर बाइक फिसल जाने से खुद को घिरा देखकर बदमाश ने सिपाही पर फायर झोंक दिया, जिससे एक गोली एकांत यादव के दिल को चीरती हुई कंधे से बाहर निकल गई। दूसरी गोली चली तब तक एकांत जमीन पर गिर गया था। उसके बाद बदमाश गोली नहीं चला पाया तो लोकेश भाटी ने बदमाश पर एक राइफल से फायर झोंक दिया। गोली बदमाश के पास से होकर निकली तो राइफल की बटों से पीट-पीट कर बदमाश गिरा दिया।

सूचना पर पहुंची पुलिस

देर रात क् बजकर फ्7 मिनट पर लोकेश भाटी की कंट्रोल रूम को मिली सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। तत्काल ही बदमाश को मेडिकल की इमरजेंसी और सिपाही को आनंद अस्पताल में भर्ती कराया। क् बजकर भ्भ् मिनट पर डॉक्टर ने बदमाश को मृत घोषित कर दिया। उसके बाद सिपाही ने ख् बजकर भ्भ् मिनट पर दम तोड़ दिया। दूसरे सिपाही लोकेश भाटी के बेहोश होने पर मेडिकल में उपचार दिलाया जा रहा है। सुबह ही सिपाही का पंचनामा भरते हुए ही, बदमाश की पहचान कंकरखेड़ा के पुरानी गोविंदपुरी निवासी नूर अली उर्फ नूरा के रूप में हुई है। बहन नूर जहां और सलमा की पहचान पर पंचनामा भरा गया। दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराया। सिपाही को पुलिस लाइन में सलामी दी, वहीं बदमाश को पुलिस सुरक्षा में सुपूर्द ए खाक कराया।

सिपाही ने बदमाश नूर अली का पीछा किया था। बहादुरी के साथ दोनों सिपाहियों ने बदमाश का डटकर मुकाबला किया। बदमाश द्वारा चलाई गई गोली सिपाही एकांत यादव के सीने में लग गई, जिसके चलते उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने बदमाश की क्रिमिनल हिस्ट्री निकाल ली है। साथ ही बेहोश सिपाही की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

आलोक शर्मा

आईजी मेरठ