- अठारह दिनों में चौथी बार डोली धरती, मचा हड़कंप

- मंगलवार दोपहर भूकंप का झटका महसूस करते ही बाहर की ओर भागे लोग

ALLAHABAD: जलजला गुजरे क्7 दिन बीत चुके थे। जिंदगी पटरी पर लौट चुकी थी। लेकिन कुदरत ने एक बार फिर लोगों को खौफ कांपने पर मजबूर कर दिया। मंगलवार को इलाहाबाद में एक बार फिर धरती डोल उठी और क्7 दिन पुरानी यादें ताजा हो गई। दोपहर को कांपती धरती ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए। घर, ऑफिस, मकान, दुकान से लोग निकलकर सड़कों पर आ गए। अनहोनी की आशंका के चलते हर जगह अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि, भूकंप के झटकों से शहर में किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।

अब तक चार झटके

इस साल ख्भ् अप्रैल को पहली बार भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए थे। इसका केंद्र नेपाल था। झटके इतने जोरदार थे कि पूरा शहर कांप गया था। इसके आधे घंटे दूसरा झटका लगा था। ख्म् अप्रैल को दोपहर क्ख्:फ्9 बजे तीसरी बार भूकंप आया था। इससे पहले कि लोग इस त्रासदी को भूल पाते मंगलवार को क्8 दिनों के भीतर लगातार चौथी बार लोगों ने दोपहर क्ख्:फ्भ् बजे तेज झटके महसूस किए। इस घटना से चारों ओर दहशत फैल गई। जगह-जगह लोग सड़कों पर उतर आए।

खाली हो गए ऑफिस, हर तरफ चर्चाएं

मंगलवार दोपहर अचानक लगे भूकंप के झटकों के बाद प्राइवेट और सरकारी ऑफिसेज खाली हो गए। सिविल लाइंस स्थित नौ मंजिला इंदिरा भवन में भगदड़ मच गई। एडीए समेत दूसरे ऑफिस के अधिकारी और कर्मचारी निचले तल की ओर भागे। डर के मारे लिफ्ट की जगह सीढि़यों से लोगों ने उतरने में भलाई समझी। प्राइवेट ऑफिसेज भी पूरी तरह खाली हो गए। हाईकोर्ट और कचहरी में भी काफी देर तक कामकाज ठप रहा। सभी लोग बिल्डिंग छोड़कर बाहर आ चुके थे। सड़क पर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। अनहोनी की आशंका के चलते सभी डरे हुए थे।

बंद नहीं हुए मॉल, चलती रही मूवी

पिछली बार भूकंप आने के बाद शहर के मॉल और सिनेमाहाल तत्काल बंद करा दिए गए थे। मंगलवार को ऐसा नहीं हुआ। थोड़ी देर बार ही सिविल लाइंस स्थित मॉल्स में रौनक बरकरार थी। लोगों की एंट्री जारी थी। मूवी शो भी ऑन था। झटके आने के बाद कुछ देर के लिए जरूर लोग बाहर आ गए थे, लेकिन बाद में सबकुछ पहले जैसा हो गया। कटरा, चौक, मुट्ठीगंज, जानसेनगंज, रेलवे स्टेशन, सिविल लाइंस आदि एरिया में सड़कों पर जाम लग गया। सहमें लोगों ने जहां-तहां अपने वेहिकल खड़े कर दिए।

बैठक में अफरातफरी, बाहर भागे अधिकारी

जिस समय भूकंप आया, उस समय जिला मुख्यालय स्थित संगम सभागार में विशेष सचिव की बैठक शुरू होने वाली थी। जिले के सभी बड़े अधिकारी इसमें शामिल होने के लिए पहुंच चुके थे। अचानक सभागार की टेबल कुर्सियां हिलने लगी तो अफरा-तफरी मच गई। सभी अधिकारी बैठक छोड़कर बाहर भाग आए। काफी देर बार बैठक शुरू की जा सकी।

भूकंप से क्रैक हुई यूनिवर्सिटी की दीवारें

झटका इतना तेज था कि मजबूत कही जाने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की दीवारें इसे सहन नहीं कर सकीं। केमेस्ट्री विभाग के प्रैक्टिकल लैब और एक कमरे की दीवार बीच से फट गई। यह देखकर डिपार्टमेंट में हो-हल्ला मच गया। एचओडी प्रो। जगदंबा सिंह ने बताया कि भूकंप आने के बाद दीवार पर नजर पड़ी तो वहां लगभग एक इंच की दरार पड़ी हुई थी। बाकी कमरों की भी जांच की जा रही है।

फिर धड़ाम हुआ मोबाइल नेटवर्क

पिछली बार की तरह इस बार भी भूकंप आने के बाद काफी देर तक मोबाइल नेटवर्क बाधित रहा। लोगों ने अपने सगे-संबंधियों की हाल खबर लेनी चाही लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। मोबाइल शॉप वाले भी परेशान रहे। उनका कहना था कि कई मोबाइल सेल्युलर कंपनियों के नेटवर्क तेज झटके आने से गड़बड़ा गए हैं। इनको चालू होने में समय लग सकता है। इसी के चलते इंटरनेट सर्विस भी डिस्टर्ब रही।

सोशल मीडिया पर फिर उड़ा मजाक

जैसे ही दोपहर में भूकंप के झटके आए, सोशल मीडिया पर एक के बाद एक धड़ाधड़ पोस्ट गिरने लगीं। इनमें से कुछ ने भूकंप से जुड़ी जरूरी जानकारी शेयर की तो कुछ लोगों ने जोक्स-चुटकुलों की बारिश कर दी। भूकंप को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाते रहे। व्हाट्सएप पर भूकंप के प्रभाव वाली तस्वीरें शाम तक पोस्ट की जाती रहीं। मजाकिया पोस्ट करने वालों की संख्या सर्वाधिक रही।

खतरे की ओर बढ़ रहा इलाहाबाद

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि कछार एरिया में तेजी से होते निर्माण कार्यो की वजह से इलाहाबाद तेजी से खतरे की ओर बढ़ रहा है। समुद्री एवं वायुमंडलीय विज्ञान विभाग के डॉ। सुनीत द्विवेदी के मुताबिक गंगा-यमुना की बेल्ट दलदलीय मिट्टी की होने की वजह से यहां भूकंप का खतरा कम रहता है। यही कारण है कि इलाहाबाद को सेफ जोन थ्री में रखा गया है। लेकिन, जिस तरह से मनमानी चल रही है उससे भविष्य में खतरे पैदा हो सकते हैं।

इलाहाबाद में कब-कब भूकंप

दिन समय

ख्भ् अप्रैल सुबह क्क्:ब्ख् बजे

ख्भ् अप्रैल दोपहर क्ख्:0भ् बजे

ख्म् अप्रैल दोपहर क्ख्:फ्9 बजे

क्ख् मई दोपहर क्ख्:फ्भ् बजे

फैक्ट फाइल

कैसे करें भूकंप का सामना

- भूकंप आने पर पलंग, मेज जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे झुकें, एक हाथ से सिर को ढंके और दूसरे से फर्नीचर को पकड़ें।

- भूकंप के झटके रुक जाने के बाद अपने घर, स्कूल या कार्यालय की इमारत से निकलकर तुरंत खुले मैदान में आ जाएं।

- यदि आप बाहर खुले स्थान पर है तो ऐसी जगह खड़े न हों जहां पेड़, बिजली के खंभे तार आदि हों।

- स्टेडियम या सिनेमाघर में हैं तो बाहर की तरफ न भागें। अपनी जगह पर रहते हुए सिर को हाथ से ढक लें। भगदड़ न मचाएं।

- अपने वाहन को सड़क के बाएं ओर रोक लें।

- फ्लाई ओवर, पुल, बिजली के तारों, खंभों, साइन बोर्ड आदि से दूर चले जाएं। गाड़ी से बाहर निकलकर गाड़ी कि किनारे झुककर बैठ जाएं।