-नहीं होता है अतिक्रमणकारियों पर अभियान का कोई असर

PATNA: साहब के अभियान का आलम यह है कि अतिक्रमण हटाने हर इलाके में जाते हैं। तोड़-फोड़ मचाते है, दुकानदारों पर जुर्माना लगाते हैं और सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराने की दावेदारी दिखाते हैं। लेकिन कुछ दिनों बाद ही स्थिति जस की तस नजर आती है। जिन इलाकों से दुकानें हटाई जाती है वहां फिर से दुकानें सज जाती है, और पुलिस प्रशासन एवं अधिकारी मूकदर्शक बन जाते हैं। ये फिर से अभियान के शुरू होने का इंतजार करते हैं।

स्टेशन रोड

स्टेशन से जीपीओ गोलंबर तक के एरिया को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कराया गया। स्ट्रीट वेंडर के साथ अवैध पार्किग के इलाके को भी खाली कराया गया। जीपीओ फ्लाईओवर के नीचे आशियाना बनाकर रहने वाले अतिक्रमणकारियों को भी हटाकर पूरी तरह खाली कराया गया। लेकिन अभी आलम यह है कि खाने-पीने, कपड़े और स्ट्रीट के सामानों से रास्ते फिर से पटे रहते हैं।

अशोक राजपथ

अशोक राजपथ के इलाके को अतिक्रमण मुक्त करने के साथ-साथ चौड़ा करने की योजना बनी है। इस अभियान के तहत न सिर्फ दुकानें खाली कराई गई बल्कि काफी जुर्माना भी वसूला गया। लेकिन अभी इस इलाके का हाल यह है कि ना सिर्फ अतिक्रमणकारियों ने वहां फिर से अपनी दुकानें सजा ली हैं बल्कि फिर से जहां-तहां पार्किग भी नजर आने लगी है। ठेले-खोमचे के साथ कपड़े और जूते-चप्पलों की दुकानें रास्ते पर नजर आती है।

कारगिल चौक

कारगिल चौक के पास भी अभियान के दौरान अतिक्रमणकारियों को हटाया गया। फूड वेंडर और अवैध पार्किग के साथ ही छोटे-छोटे दुकानदारों को खाली कराया गया। लेकिन अभियान खत्म होने के बाद हालात फिर से वहीं है। उद्योग भवन के सामने से शुरू चाट-गोलगप्पे और अन्य स्ट्रीट फूड के साथ छोटी-छोटी दुकानें बांकीपुर बस स्टैंड और एसपी ऑफिस के सामने के रोड और गांधी मैदान के 4 और 5 नंबर गेट तक फैली हैं। लेकिन न तो पुलिस कुछ करती है न ही अधिकारी इधर ध्यान देते हैं।

अभियान का मुख्य उदेश्य यही होता है कि सड़के चौड़ी हो सकें ,अतिक्रमण कारियों को फिर से वहां पर जाम नहीं करने दिया जाएगा। टास्क फोर्स और अन्य रिसोर्स की मदद से उसे खाली कराया जाएगा।

-अमित कुमार पांडेय,

कमिश्नर, पटना नगर निगम