- एजेंसी के प्रजेंटेशन के बाद महापौर की अध्यक्षता में निगम अफसरों व पार्षदों का निर्णय

- कूड़े से बीयोमीथेनाइजेशन तकनीक से बनेगी 8 मेगावाट बिजली, खाद और सीमेंट उद्योग का ईधन

Meerut : मेरठ शहर के कूड़े का निस्तारण करके उससे बिजली तथा अन्य उत्पाद बनाने की जिम्मेदारी सोलापुर महाराष्ट्र की एजेंसी आर्गेनिक रीसाइक्लिंग सिस्टम प्रा। लि। को सौपने का निर्णय लिया गया है। शुक्रवार को महापौर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एजेंसी के प्रजेंटेशन के बाद संयुक्त रूप से यह फैसला लिया गया। एजेंसी निगम से केवल कूड़ा तथा प्लांट लगाने के लिए लीज पर जमीन लेगी। 8 महीने में कंपोस्ट तथा कुल 18 महीने में बिजली बनाना शुरू कर देने का दावा भी इस दौरान किया गया।

800 टन निकलता कूड़ा

शहर से रोज निकलने वाले 800 टन कूड़े के निस्तारण के लिए निगम प्रशासन द्वारा पिछले दो साल से प्रयास किया जा रहा है। सीबरी ग्रीन एनर्जी से अनुबंध कर भी लिया गया था लेकिन उसकी वादाखिलाफी पर उक्त अनुबंध को निरस्त करके नए सिरे से प्रस्ताव मांगे गए थे। तीन प्रस्तावों में से दो एजेंसियां अपना प्रजेंटेशन पूर्व में कर चुकी हैं। दिल्ली में बिजली बना रही रेमकी द्वारा घर घर से कूड़ा उठाने के लिए 4 करोड़ प्रति माह टिपिंग फीस तथा प्लांट में कूड़े की छंटाई के लिए 16 लाख रुपये महीना शुल्क तथा प्लांट से निकलने वाली राख व निस्तारण न हो पाने वाले कूड़े को निगम द्वारा उठाने की शर्त रखी गई।

नगर निगम में प्रजेंटेंशन

तीसरी एजेंसी आर्गेनिक रीसाइक्लिंग सिस्टम प्रा। लि। सोलापुर महाराष्ट्र के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अशोक कपूर ने शुक्रवार शाम को नगर निगम सभागार में प्रजेंटेशन किया। महापौर हरिकांत अहलूवालिया की अध्यक्षता तथा निगम अफसरों व पार्षदों की मौजूदगी में उन्होंने बताया कि सोलापुर में कंपनी 4 मेगावाट बिजली बना रही है। उक्त प्लांट का निगम अफसर निरीक्षण भी कर चुके हैं। एजेंसी निगम से केवल कूड़ा लेगी और प्लांट के लिए गांवड़ी में जमीन।

बायोमीथेनाइजेशन तकनीक से कूड़े से लगभग आठ मेगावाट बिजली, कंपोस्ट तथा आरडीएफ (सीमेंट उद्योग का ईंधन) तैयार किया जाएगा।

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वर्जन

कूड़ा निस्तारण शहर की प्राथमिकता है। दो साल की बोर्ड की मेहनत सफल हुई है। अब जल्द शहर कूड़ा मुक्त होगा जिससे 20 लाख जनता को राहत मिलेगी।

हरिकांत अहलूवालिया, महापौर

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कूड़ा निस्तारण के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है। एक दो दिन में अनुबंध की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी।

देवेंद्र सिंह कुशवाहा, नगर आयुक्त