नई दिल्ली (एएनआई)। अग्निपथ भर्ती योजना पर प्रर्दशन के बाद सरकार ने स्पष्टीकरण पत्र जारी किया है। इस स्पष्टीकरण में सरकारी अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि अग्निपथ से युवाओं के लिए अवसर कम होगें बल्कि इस योजना के बाद युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने के अवसरों में वृद्धि होगी। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि आने वाले वर्षों में सेना में नई भर्ती तीन गुना हो जाएगी जो अग्निवीरों के लिए लाभदायक साबित होगी। भविष्य को लेकर चल रही अफवाहों को स्पष्ट करते हुए अधकारियों ने कहा कि उद्यमी बनने के इच्छुक लोगों को वित्तीय पैकेज और बैंक ऋण योजना मिलेगी। अन्य विकल्प जिनके लिए वे जा सकते हैं, उनमें आगे की पढ़ाई शामिल है, जिसके लिए सरकार ने कहा कि छात्रों को 12 वीं कक्षा के समकक्ष प्रमाण पत्र और आगे की पढ़ाई के लिए एक ब्रिजिंग कोर्स दिया जाएगा।

सीएपीएफ और राज्य पुलिस में दी जाएगी प्राथमिकता

अन्य अफवाहों को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए सरकारी अधिकारियों ने कहा कि नौकरी पाने के इच्छुक लोगों के लिए अग्नीवीरों को सीएपीएफ और राज्य पुलिस में प्राथमिकता दी जाएगी। अन्य क्षेत्रों में भी उनके लिए कई रास्ते खोले जा रहे हैं।' जहां तक ​​रेजिमेंटल बॉन्डिंग के प्रभावित होने के मिथक का सवाल है, अधिकारियों ने कहा कि रेजिमेंटल सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। वास्तव में इस भर्ती को और तेज किया जाएगा क्योंकि सर्वश्रेष्ठ अग्निवीरों का चयन किया जाएगा, जिससे यूनिट की एकजुटता को और बढ़ावा मिलेगा।

प्रदर्शन का परीक्षण किया जाएगा

सरकारी अधिकारियों ने सेना की प्रभावशीलता को नुकसान पहुंचाने वाली योजना के दावों का खंडन किया है। अधकारियों ने कहा कि इस प्रणाली का परीक्षण उन अधिकांश देशों में किया जा चुका है जहां ऐसी अल्पकालिक भर्ती प्रणाली मौजूद है। इसलिए युवा और चुस्त सेना को सर्वोत्तम अभ्यास माना जाता है। पहले वर्ष में भर्ती होने वाले अग्निवीरों की संख्या सेना बलों का केवल 3 प्रतिशत होगी। इसके अतिरिक्त चार साल बाद सेना में पुन: शामिल होने से पहले अग्निवीरों के प्रदर्शन का परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण इसलिए किया जाएगा ताकि सुपरवाइजरी रैंक पर चुनाव हो सके।

सेना युवाओं पर रहती है निर्भर

21 वर्षीय सेना के लिए अपरिपक्व और अविश्वसनीय हैं इस भ्रम पर देश के युवाओं पर विश्वास दिखाते हुए कि अधिकारियों ने कहा कि दुनिया भर में अधिकांश सेनाएं अपने युवाओं पर निर्भर करती हैं। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि युवाओं की संख्या अनुभवी लोगों से अधिक नहीं होगी। अग्निवीरों को समाज के लिए खतरा और आतंकवादी शिविरों में शामिल होने की संभावना को खारिज करते हुए अधकारियों ने कहा कि इस तरह की अफवाह भारतीय सेना बलों का अपमान है। जो युवा चार साल तक वर्दी पहनेगा वो जीवन भर देश के लिए प्रतिबद्ध रहेंगा। अधिकारियों ने स्पष्ट करते हुए कहा कि अब भी हजारों लोग सशस्त्र बलों से काम कर रहे हैं। वह अपने कौशल आदि के साथ कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनके राष्ट्र विरोधी ताकतों में शामिल होने का कोई उदाहरण नहीं है।

अधकारियों की सलाह से जारी की गयी है योजना

एक और ​​मिथक पर स्पष्टीकरण देते हुए अधकारियों ने कहा कि जहां तक आरोप है कि अग्निपथ योजना का गठन करते समय पूर्व सशस्त्र बलों के अधिकारियों से परामर्श नहीं किया गया था। उनकों ये जान लेना चाहिए कि इस योजना पर पिछले दो वर्षों से सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि प्रस्ताव सैन्य अधिकारियों द्वारा नियुक्त सैन्य अधिकारियों के विभाग द्वारा तैयार किया गया है। विभाग खुद इस सरकार की रचना है। कई पूर्व अधिकारियों ने योजना के लाभों को पहचाना और इसका स्वागत किया है।

National News inextlive from India News Desk