- 41 आयोजक 10-10 लाख से और 19 सदस्य 50-50 हजार से पाबंद

- 11 अक्टूबर को निकाली जानी है श्रीराम की बरात, प्रशासन ने की कार्रवाई

आगरा। आंवलखेड़ा में 11 अक्टूबर को निकाली जाने वाली श्रीराम बरात के लिए प्रशासन ने अनुमति तो दी ही नहीं है, आयोजकों पर कानूनी शिकंजा भी कस दिया है। 41 आयोजकों को 10-10 लाख रुपये से और 19 को 50-50 हजार के मुचलके पर पाबंद किया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से आयोजकों में उबाल है।

आंवलखेड़ा में वर्ष 2018 में भी प्रशासन की अनुमति न मिलने के बावजूद श्री राम बरात निकाली गई थी। तब प्रशासन ने अध्यक्ष समेत 17 सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस बार श्रीराम सेवा समिति द्वारा 11 अक्टूबर को राम बरात निकाली जाएगी। समिति के आवेदन पर एसओ की रिपोर्ट के बाद एसडीएम ने अनुमति नहीं दी। इतना ही नहीं, एसडीएम ज्योति राय ने आयोजन समिति के जुड़े 60 लोगों को पाबंद कर दिया है। नोटिस लेकर नामजदों के घर पहुंची पुलिस ने सोमवार को जमानत कराने की मोहलत दी है। अन्यथा वारंट जारी करा कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के एक्शन के बाद क्षेत्र में उबाल आ गया।

पुलिस ने बैठक कर कहा, नहीं निकालने दी जाएगी रामबरात

श्रीराम बरात के आयोजन से पूर्व समिति के पदाधिकारियों को 10-10 लाख के मुचलके से पाबंद करने के बाद रविवार दोपहर आंवलखेड़ा पुलिस चौकी में पुलिस ने बैठक की। इसमें रामबरात आयोजन समिति के सदस्यों को बुलाया गया। थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि बगैर अनुमति आयोजन नहीं होने दिया जाएगा। आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने समिति पदाधिकारियोंसे शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। बैठक में ओमवीर सिंह, बंटी चौहान, रामनिवास मास्टर, गुड्डू परमार, पप्पू परमार, सौराज सिंह, पप्पू चौहान, मुन्नालाल पूर्व प्रधान आदि मौजूद रहे।

पिछले वर्ष भी निकाली गई थी रामबरात

पिछले वर्ष 11 अक्टूबर को बगैर अनुमति निकाली गई श्रीराम बरात का शुभारंभ तत्कालीन सांसद प्रो। रामशंकर कठेरिया ने किया था। उन्होंने कहा था कि यदि प्रशासन ने रामबरात को रोकने की कोशिश की तो बजरंगबली की गदा तैयार है। बरात का तीन दिवसीय आयोजन शांतिपूर्ण संपन्न हुआ था। खास बात यह कि तब पुलिस ने इस मुकदमे में तत्कालीन सांसद को नामजद नहीं किया था।

एसओ बरहन की रिपोर्ट पर नहीं मिली अनुमति

श्रीराम सेवा समिति के अध्यक्ष ओमवीर सिंह चौहान समेत अन्य सदस्यों ने पिछले दिनों एसडीएम एत्मादपुर से इस आयोजन के लिए अनुमति मांगी थी। उन्होंने एसओ बरहन से रिपोर्ट मांगी। उनकी रिपोर्ट आख्या मिलने के बाद ही इस आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है।

प्रशासन की इस कार्रवाई में पूरा सहयोग किया जाएगा। श्रीराम बरात 11 अक्टूबर को निर्धारित समय पर निकाली जाएगी। आयोजन अवश्य होगा।

- ओमवीर सिंह चौहान, अध्यक्ष, श्रीराम सेवा समिति

पिछले वर्ष रामबरात निकालने पर प्रशासन ने हम पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया। 17 लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया। भाजपा की सरकार होने के बावजूद करोड़ों भक्तों के आराध्य प्रभु श्रीराम की बरात ही नहीं निकलेगी तो किसकी निकलेगी? तब हमारे समर्थन में कोई नेता भी नहीं आया था।

- भूपेंद्र भारद्वाज, पूर्व अध्यक्ष, भारत संगम सेवा संस्थान

पाबंद की कार्रवाई गलत मानसिकता का परिचय

डीएम और एसडीएम से फोन पर बात की है। सोमवार को आयोजकों के साथ बैठक की जाएगी। प्रशासन ने आयोजकों को 10-10 लाख रुपये पाबंद कर गलत मानसिकता का परिचय दिया है।

रामप्रताप सिंह चौहान

विधायक, एत्मादपुर

इस मामले में एसडीएम एत्मादपुर की रिपोर्ट के आधार पर ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

- एनजी रविकुमार, डीएम

संबंधित थानाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट आख्या मिलने के बाद ही सदस्यों को पाबंद किया गया है।

- ज्योति राय, एसडीएम, एत्मादपुर

रामबरात की अनुमति इसलिए नहीं दी क्योंकि यह आयोजन परंपरागत नहीं है। शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी रैली या जुलूस आदि आयोजन पहली बार नहीं होंगे। परंपरागत रूप से होने वाले आयोजन को ही अनुमति दी जाएगी।

- विनोद कुमार, एसओ बरहन