-केंद्र और यूपी दोनों ही विभागों का नहीं है साफ-सफाई को लेकर इंट्रेस्ट

आगरा। जहां देश के प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान की अलख जगा रहे हैं। वहीं ताज सिटी में तैनात अधिकारियों का साफ सफाई से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। भले ही पीएम ने यूपी के सीएम को सफाई अभियान का हिस्सा बना लिया हो लेकिन यहां के अधिकारी सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए जाने के लिए देश की महान हस्तियों तक ने हाथ में झाडू थाम ली है लेकिन 'ग्रीन सिटी के साथ क्लीन सिटी' कही जाने वाली ताज सिटी के सरकारी दफ्तरों में सफाई व्यवस्था की हालत बद से बदतर है। सरकारी विभागों में सफाई व्यवस्था को लेकर आई नेक्स्ट की टीम ने जायजा लिया। टीम को सफाई व्यवस्था कुछ इस कदर दिखाई दी।

टाइम -सुबह करीब 11 बजे।

स्थान-केंद्र सरकार के दफ्तर बीएसएनएल का बाहरी हिस्सा।

संजय प्लेस स्थित बीएसएनएल और पीएफ ऑफिस के सामने गंदगी का साम्राज्य है। जहां सीवर का गंदा पानी रोड पर फैलता रहता है।

टाइम-सुबह करीब 11.30 बजे।

स्थान- एमडी जैन इंटर कॉलेज की दीवार।

एमडी जैन के बाहर का रास्ता बेलनगंज, घटिया, मोतीलाल नेहरू रोड, गांधी नगर, विजय नगर आदि को एमजी रोड से जोड़ता है। कॉलेज की दीवार पर खुले में ही लोग लघुशंका करने से बाज नहीं आते हैं। जबकि इस रास्ते से काफी संख्या में महिलाओं और लड़कियों का भी आवागमन होता रहता है। पास में ही ग‌र्ल्स का क्यूवी इंटर कॉलेज भी है।

टाइम दोपहर 12.15 बजे।

स्थान-राजकीय खाद्य प्रशिक्षण केंद्र परिसर।

यहां गंदगी का यह आलम है कि बस पूछिए नहीं। प्रशिक्षण केंद्र में अचार, शर्बत, जैम, जैली, स्क्वैस आदि बनाना सिखाया जाता है। आखिर खाने की चीजों के प्रशिक्षण वाले संस्थान का परिसर भी इतना गंदा रहेगा तो भला सफाई कहां होगी? परिसर में हर तरफ कचरा बिखरा पड़ा है। गोबर और उपलों की तो यहां भरमार है। लोग यहां अपने पशुओं को भी बांधते हैं।

टाइम- अपरान्ह 1 बजे।

स्थान-पालीवाल पार्क।

सिटी के बीचों-बीच पालीवाल पार्क हैं। स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से बड़ी संख्या में यहां वो लोग भी घूमने-फिरने आते हैं जिनका किसी ना किसी बीमारी का इलाज चल रहा है। बच्चे यहां आकर खेलते हैं। मॉर्निग और ईवनिंग में लोग रेग्युलर यहां आकर वॉक करते हैं। लेकिन यहां का हाल देखिए यहां कूड़ा-कचरा डालकर गंदगी की जा रही है। जबकि कई बार इसको लेकर लोग आपत्ति तक उठा चुके हैं।

टाइम-अपरान्ह 1.15 बजे।

स्थान-डॉ। बीआर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा।

डॉ। अम्बेडकर यूनिवर्सिटी लेट सेशन, मार्कशीट के फर्जीवाड़े, टाइम से डिग्री न मिलने, छात्र संघ चुनावों को लेकर अपनी पहचान बना चुका है। गंदगी के मामले में भी शायद ही इस यूनिवर्सिटी का कोई मुकाबला कर पाए। सिर्फ कुलपति के ऑफिस को छोड़कर शायद ही कहीं सफाई दिखे। रीयल्टी चैक में जब इतिहास विभाग को जाकर देखा गया तो यहां कबाड़ और उसमें दबा कर छिपाई गयी गंदगी साफ दिख रही थी। सीढि़यां पर भी गंदी पड़ी थी।

टाइम-अपरान्ह 1.45 बजे।

स्थान-नगर निगम परिसर।

पूरे शहर के 90 वार्ड की साफ-सफाई का जिम्मा संभालने वाले नगर निगम का ही हाल देख लीजिए। रीयल्टी चैक के दौरान जब नगर निगम का परिसर देखा गया तो नतीजे चौंकाने वाले थे। यहां जगह-जगह गंदे सीन दिख रहे थे। दफ्तर के कई कमरों में कबाड़ गंदगी को समेटे हुए दिख रहा था। कूड़ेदान रखने का स्थान खुद ही अव्यवस्था की कहानी कह रहा था। दूसरों को जहरली गैस से बचने के लिए ठोस कचरा नहीं जलाने का पाठ पढ़ाने वाले निगम के परिसर में कचरा भी जलता मिला।