आगरा। कोरोनावायरस के कारण इस टाइम दुनियाभर में हंगामा मचा हुआ है। इंडिया में इसको लेकर गवर्नमेंट से लेकर हैल्थ डिपार्टमेंट्स तक सभी एक्टिव हो गए हैं। मुंबई में तीन संदिग्ध मरीज मिलने के बाद आगरा जिले में हैल्थ डिपार्टमेंट ने डॉक्टर्स को अलर्ट कर दिया है। एसएन मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन वार्ड को दुरुस्त करने के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन भी कर दिया गया है और इसके लिए नोडल ऑफिसर भी नियुक्त कर दिए हैं।

चीन में फैले कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीज मुंबई में भी चिह्नित किए गए थे। इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन टूरिज्म के लिहाज से ताजनगरी एक इंपोर्टटेंट प्लेस है। यहां डेली दुनियाभर से हजारों टूरिस्ट्स आते हैं। इसको देखते हुए सीएमओ डॉ। मुकेश कुमार वत्स ने अलर्ट जारी कर दिया है। एसएन मेडिकल कॉलेज में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में संदिग्ध मरीजों को रखा जाएगा।

विशेष टीम का किया गया गठन

कोरोनावायरस को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। इसमें एपीडेमियोलॉजिस्ट डॉ। प्रियंका चौहान के नेतृत्व में डॉ। आरके अग्निहोत्री को रेपिड रिस्पांस टीम का प्रभारी बनाया गया है। इस सिचुएशन में स्वाइन फ्लू वाली प्रोटेक्शन किट को यूज करेंगे।

एसएन में डॉक्टर्स ने की मीटिंग

शनिवार को एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए डॉक्टर्स ने एक मीटिंग की। इसमें वायरस के खतरों को लेकर चर्चा हुई। इस मौके पर संभावित मरीजों के इलाज करने के बारे में भी बताया गया। डॉ। पीके माहेश्वरी ने बताया कि कोरोनावायरस से निपटने के लिए डॉक्टर्स की टीम को अलर्ट कर दिया है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स फिलहाल स्वाइन फ्लू वाली किट को पेशेंट्स के इलाज के दौरान इस्तेमाल करेंगे। डॉ। प्रशांत प्रकाश को इसका प्रभारी बना दिया है।

वर्जन

कोरोना वायरस का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। इससे निपटने के लिए एहतियातन तैयारी कर ली हैं। एसएन में आइसोलेशन वार्ड में संभावित मरीज रखे जाएंगे। रेपिड रिस्पांस टीम भी बना दी गई है।

-डॉ। मुकेश कुमार वत्स, सीएमओ

क्या है करॉना वायरस?

करॉना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है, जो इंसानों में सामान्य जुकाम से लेकर श्वसन तंत्र की गंभीर समस्या तक पैदा कर सकता है। इस वायरस का नाम इसके शेप के आधार पर रखा गया है। ये वायरस जानवरों और इंसान दोनों को एक साथ संक्रमित कर सकता है। शोध में सामने आया है कि यह कोरोना वायरस सांपों से इंसान तक पहुंचा है। यह वायरस ऐनिमल्स से संबंधित है और मीट के होल सेल मार्केट, पोल्ट्री फर्म, सांप, चमगादड़ या फर्म एनिमल्स के जरिए ह्यूमन में आया है।

कितना खतरनाक है ये वायरस?

दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारी इस वायरस को लेकर सतर्क हैं और लोगों को भी सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं लेकिन यह वायरस कितना खतरनाक है इसके बारे में सटीक जानकारी अब तक नहीं मिल पायी है। हालांकि डब्लूएचओ ने कोरोना वायरस और इससे फैलने वाली निमोनिया जैसी बीमारी को इंटरनेशनल हैल्थ इमरजेंसी घोषित करने से मना कर दिया है

इस प्रकार करें बचाव

- यात्रा के दौरान बीमार लोगों से संपर्क ना बढ़ाएं। अगर किसी को जुकाम, खासी, फीवर, नाक बहना जैसी परेशानी हैं तो ऐसे यात्रियों से दूरी बनाकर रखें।

- जो लोग कोल्ड और फीवर जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं, सतर्कता बरतते हुए वे यात्रा करने से बचें। अगर यात्रा करनी ही पड़े मास्क पहनें और खाने-पीने से संबंधी सावधानियां जरूर बरतें।

- जो लोग खासतौर पर चीन की यात्रा पर जा रहे हैं, उनके लिए किसी भी चीज को छूने या यूज करने के बाद साबुन से हाथ धोना जरूरी है। साथ ही सहयात्रियों के साथ खाना-पीना शेयर करने से बचें। खांसते या छींकते हुए मुंह पर रुमाल रखें। हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करते रहें।

- ऐसा पैक्ड फूड या डिब्बा बंद फूड खाने से बचें जिसमें मीट या सी-फूड का इस्तेमाल किया गया हो। बेहतर होगा कि यात्रा के दौरान आप कुछ ड्राई और सेफ फूड अपने साथ कैरी करें। इनमें खाखरा, मीठी-नमकी भुजिया, सेव, वेज कूकीज जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं।

- यात्रा के लिए निकलने से पहले पूरी नींद लें और खाली पेट किसी सफर के लिए ना निकलें। अगर यात्रा के दौरान आपको सर्दी, गले में दर्द, नाक बहना, खांसी जैसी समस्याएं होने लगें तो आप तुरंत इंफॉर्म करें।