पुलिस ने ठगी करने वाले गैंग के आठ शातिर किए अरेस्ट

-ग्राहकों को गुमराह कर देते थे धोखाधड़ी को अंजाम

आगरा। साइबर शातिर खुद को पुलिस ऑफिसर बताकर लोगों को डरा-धमकाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। पुलिस ने ईएमआई वसूली के नाम पर लोगों को धमकी देकर ठगी करने वाले गैंग का फ्राईडे को पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले छह युवकों को अरेस्ट किया है। वह फोन कॉल्स के माध्यम से ठगी की वारदात को अंजाम दिया करते थे। पुलिस ने उनके पास से ठगी में इस्तेमाल किए जाने वाला सामान भी बरामद किया है।

फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे शातिर

एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि गैंग के सदस्य फर्जी कॉल सेंटर चलाकर वारदात को अंजाम दिया करते थे। पिछले कई महीनों से ठगी की वारदातों को इन्होंने अंजाम दिया। गैंग के सदस्य लोन का लालच देकर लोगों का डाटा रिसीव करते थे। इसके बाद फर्जी तरीके से गुमराह कर डरा धमका कर वसूली करते थे। कॉल करने लिए बैंक ग्राउंड में इस तरह का माहौल बनाते थे, जिससे फोन पर बात करने वाले को पूरा विश्वास हो जाए।

साइबर सेल ने बिछाया जाल

लगातार मिल रहीं शिकायतों के बाद एसएसपी बबलू कुमार ने साइबर टीम को अलर्ट किया, उन्होंने शातिर युवकों को ट्रैस करना शुरू कर दिया। लगभग तीन महीने बाद पुलिस को सफलता मिली। साइबर क्राइम सेल ने ठगी के मामले में आठ युवकों को अरेस्ट कर लिया। थाना सदर में साइबर सेल द्वारा धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।

कई स्टेट्स में एक्टिव था गैंग

पुलिस गिरफ्त में आया साइबर ठग गैंग देश के कई स्टेट्स में एक्टिव था। पुलिस के अनुसार गैंग ने पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। गैंग का एक सदस्य राजकुमार निवासी बड़ा गांव थाना बाह फरार है।

इनको किया अरेस्ट

दीपक पुत्र पुत्र प्रेम निवासी उखर्रा

बन्टू सिंह पुत्र तुकमान सिंह निवासी बरौली गूजर

कन्हैया पुत्र छोटेलाल निवासी श्यामो

मनोज कुमार पुत्र छोटेलाल

गौतम राठौर पुत्र कृष्ण मुरारी निवासी तुलसी चबूतरा

धर्मेन्द्र कुमार पुत्र कैलाशी निवासी राजपुर चुंगी

शिवचरन पुत्र राजकुमार

भूदव सिंह पुत्र रामनाथ सिंह निवासी श्यामो

साइबर अपराधियों से बरामदगी

मोबाइल फोन 21

सिम कार्ड 32

लैपटॉप 01

एटीएम कार्ड 04

रजिस्टर 03

करीब 400 लोगों का डाटा, जिसमें नाम, पता मोबाइल नंबर है।

अरेस्ट करने वाली टीम

थाना प्रभारी सदर कमलेश सिंह, अमित कुमार (प्रभारी साइबर क्राइम सेल आगरा) आरक्षी विजय तोमर, बबलू कुमार, इन्तेजार, जितेन्द्र साइबर क्राइम सेल, विपन तेबतिया, आरक्षी विनोद, मनोज थाना सदर।

पुलिस ऑफिसर बनकर करते थे ईएमआई की वसूली

पुलिस हिरासत में आए साइबर अपराधी कॉल करते समय पुलिस, वकील, बैंक अधिकारी बनकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। कॉल करने के लिए की पैड, छोटे मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जाता था। साइबर अपराधी ट्रू कॉलर पर अपने मोबाइल नंबर को किसी बड़े पुलिस अधिकारी के नाम से सेव करते थे। इससे जो व्यक्ति फोन पर होता था, वह उनकी धमकी में आ जाता था, और ठगी का शिकार हो जाता था। गैंग सरगना दीपक ने बताया कि वह निजी कंपनियों से डाटा जमा करते थे। इसके बाद जो लोग लोन लेने के इच्छुक होते थे, उन्हें सस्ते लोन का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे।

एंड्रॉयड फोन से बजाते थे पुलिस सायरन

शातिर साइबर अपराधी कॉल करते समय अपने पास मौजूद दूसरे एंड्रॉयड स्मार्ट फोन से पुलिस सायरन, पुलिस बॉकी-टॉकी, पुलिस रेडियो स्कैनर, पुलिस रेडियो, रिंगटोन आवाज का इस्तेमाल करते थे। पुलिस सायरन, वायरलेस की आवाज बजाकर कॉलर को यह भरोसा दिला देते थे कि जो कॉल उनको आ रही है, वह पुलिस डिपार्टमेंट से ही है।

छह महीने से उखर्रा में चल रहा था कॉल सेंटर

पुलिस हिरासत में आए आठ साइबर अपराधी फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे। पूछताछ में जानकारी मिली कि बदमाश करीब छह माह से उखर्रा में किराये के मकान में फर्जी सेंटर चला रहे थे। इसमें 9 लोग काम करते थे। वह कॉल करते समय फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे। फर्जी कॉल करने के बदले राजकुमार निवासी बड़ा गांव को बीस हजार रुपए मिलते थे। जबकि इसका संचालन दीपक करता था।