- कूड़े के निस्तारण के लिए नहीं हो पा रही प्रॉपर व्यवस्था

- वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट को सुप्रीमकोर्ट की परमीशन का इंतजार

आगरा : कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर स्थापित किए गए वेस्ट -टू-एनर्जी प्लांट को सुप्रीम कोर्ट की एनओसी का इंतजार है। नीरी नेशनल इन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट और सीपीपीबी केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड की टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब अगली सुनवाई 17 फरवरी को होनी है।

करोड़ों की लागत से दो वर्ष पहले लगाया गया था प्लांट

कुबेरपुर की लैंडफिल साइट पर दो वर्ष पहले वेस्ट- टू- एनर्जी प्लांट करोड़ों की लागत से स्थापित किया गया था। नगर निगम के अनुसार हर रोज 500 मीट्रिक टन कचरे से 10 मेगावाट बिजली बनाने की योजना थी। इस प्लांट का ठेका स्पाक वर्जन कंपनी को दिया गया है, लेकिन टीटीजेड से अनुमति न मिलने के कारण वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट शुरु नहीं हो सका। अफसरों की मानें तो वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट शुरु हो जाता है, तो जल्द ही इसकी क्षमता को बढ़ाया जाएगा। 500 मीट्रिक टन से 750 मीट्रिक टन कर 15 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने पर विचार है, लेकिन अभी तक एनओसी नहीं मिल सकी है।

इसलिए किया था इंकार

नगर निगम ने कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर जो वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगाया गया है। उसको टीटीजेड ने एनओसी देने से इंकार कर दिया। इसके पीछे कारण बताया कि ये प्लांट बिजली उत्पादन करते समय जहरीली गैसों का उत्सर्जन करेगा। इसके चलते टीटीजेड एरिया प्रदूषित होगा। इसको आधार बनाते हुए टीटीजेड ने एनओसी देने से इंकार कर दिया था। बाद में एक कमेटी गठित की गई। मौजूदा समय में कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी है।

ये व्यवस्था लागू होने का दावा

नगर निगम के अफसरों की मानें तो 100 वार्डो में से जो कूड़ा कलेक्शन किया जाता है। उसे प्रोसेसिंग प्लांट कुबेरपुर भेजा जाता है। कुबेरपुर में 20 एमटीडी का प्लांट है। इससे रोजाना गीले कूड़े से 3.5 एमटीडी मीट्रिक टन पर-डे कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। वहीं, दूसरा प्लांट जो राजनगर में है। उससे प्रतिदिन 0.3 एमटीडी कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। ऐसा नगर निगम के अफसरों का दावा है।

- कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब सुप्रीम कोर्ट से अनुमति का इंतजार है। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने पर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

- राजीव राठी, पर्यावरण अभियंता, नगर निगम