नई दिल्ली (एएनआई)। भारत का स्वदेशी मून मिशन चंद्रयान -2 आज दोपहर 2.43 बजे आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाना है। चंद्रयान -1 के बाद भारत के दूसरे मून मिशन के शुभारंभ के लिए 20 घंटे की उलटी गिनती रविवार शाम से शुरू हुई।
तकनीकी खराबियों को ठीक कर लिया
इस संबंध में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवन ने कहा कि चंद्रयान -2 की लाॅन्चिंग को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बीती 15 जुलाई सामने आई तकनीकी खराबियों को ठीक कर लिया गया है। साथ ही कहा चंद्रयान -2 आने वाले दिनों में 15 महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास करेगा।
धीरे-धीरे और दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा
इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान -2 चंद्रमा व बहुत धीरे-धीरे और दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। इस मिशन के जरिए बहुत सारे वैज्ञानिक परीक्षण किए जाने हैं। दुनिया भर के वैज्ञानिक लॉन्च की प्रतीक्षा कर रहे हैं। चंद्रयान -2 चंद्रमा के उस क्षेत्र का पता लगाएगा जहां किसी भी मिशन ने कभी पैर नहीं रखा है।
मून मिशन 15 जुलाई को लॉन्च होना था
इसरो ने शनिवार को चंद्रयान -2 मिशन के लॉन्च की रिहर्सल को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था। चंद्रयान -2 को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था। हालांकि इस दाैरान लॉन्च से करीब एक घंटे से भी कम समय से पहले इसमें तकनीकी खराबी का पता चलने के बाद इस मिशन को रद्द कर दिया गया था।
प्रज्ञान यथावत अपने प्रयोग शुरू करेगा
इस अंतरिक्ष यान में एक ऑर्बिटर, लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान है जो चंद्रमा तक जाएंगे। लैंडर-विक्रम आगामी 6 सितंबर को चांद पर पहुंचेगा और उसके बाद प्रज्ञान यथावत अपने प्रयोग शुरू करेगा। यह चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के उस क्षेत्र के बारे में जानकारी जुटाएगा जो अभी तक अछूता था।
ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा होगा भारत
दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग का संचालन करने वाला पहला भारतीय अभियान होगा। अगर इसमें इसमें सफलता मिलती है, तो भारत अमेरिका चीन और रूस के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा होगा। इसके बाद भारत अंतरिक्ष महाशक्तियों की फेहरिश्त में एक पायदान और ऊंचा हो जाएगा।
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