मेरठ को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए उठाया कदम

डीएम के निर्देश के बाद नियोजन विभाग कर रहा एक्सरसाइज

लेआउट में है अधिग्रहित भूमि सहित अधिग्रहण के लिए आवश्यक भूमि का ब्योरा

Meerut। मेरठ से एयर कनेक्टिविटी का सपना जल्द पूरा हो सकता है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के निर्देश पर जिला प्रशासन ने एयरपोर्ट का लेआउट तैयार कर लिया है। डीएम अनिल ढींगरा के निर्देश पर मेरठ विकास प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने इस लेआउट को तैयार किया है। लेआउट में परतापुर स्थित एयर स्ट्रिप के अलावा प्रथम फेस के लिए आवश्यक भूमि का डीमार्केशन किया गया है। फ‌र्स्ट और सेकेंड फेस में काशी, कंचनपुर घोपला और गगोल गांव में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा।

जरा समझ लें।

मेरठ में हवाई अड्डे के निर्माण के संबंध में एएआई ने प्रदेश सरकार को एक पत्र लिखा और आवश्यक भूमि के अधिग्रहण के संबंध में निर्देशित किया। मई 2019 को भेजे गए इस पत्र से मेरठ में एयरपोर्ट के निर्माण की उम्मीद बढ़ी तो वहीं एएआई ने स्पष्ट कर दिया कि हवाई अड्डे का निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में कुल 329,50 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें 46.77 एकड़ में मौजूदा एयर स्ट्रिप बनी हुई है। जबकि फ‌र्स्ट फेज में 282.73 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। वहीं सेकेंड फेज के लिए 142.40 एकड़ भूमि को भी जिला प्रशासन ने चिह्नित करा लिया है।

एक नजर में

फ‌र्स्ट फेज

46.77 एकड़-एयर स्ट्रिप (मौजूदा भूमि का क्षेत्रफल)

282.73 एकड़-प्रथम चरण में प्रस्तावित अधिग्रहण

329.50 एकड़-प्रथम चरण में प्रस्तावित कुल भूमि

सेकेंड फेज

142.40 एकड़-अधिग्रहण के लिए अनुमानित भूमि

काशी, कंचरनपुर घोपला और गगोल तीन गांवों की भूमि का होगा अधिग्रहण।

जल्द शुरू हो सकती हैं सेवाएं

भूमि उपलब्ध होते ही हवाई अड्डे का निर्माण एएआई शुरू कर देगी। जानकारों का कहना है कि आवश्यक भूमि मिलने के बाद लगभग एक वर्ष का समय एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में लगेगा। गौरतलब है कि उड़ान स्कीम के तहत लगातार अपना दावा खोने के बाद फरवरी में मेरठ में हवाई उड़ान के लिए बिड निकाली गई थी। जिसमें मेरठ से लखनऊ और प्रयागराज के बीच रूट को मंजूरी मिली और इस रूट पर जूम एयर ने सेवा देने की सहमति जताई। गौरतलब है कि गत दिनों एएआई और जूम एयर की सात सदस्यीय टीम ने मेरठ की मौजूदा हवाई पट्टी का दौरा किया और यहां की स्थितियों को जांचने-परखने के बाद सीआरजे-200 प्लेन (50 सीटर) संचालन के लिए नया मास्टर प्लान तैयार किया गया और उसी के आधार पर आवश्यक जमीन अधिग्रहण के लिए प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया है।

एएआई की जांच रिपोर्ट के बाद एयरपोर्ट का संशोधित ले-आउट बनवाया जा रहा है। मेरठ विकास प्राधिकरण इस लेआउट को बना रहा है। शासन के निर्देश मिलते ही चिह्नित 3 गांवों में भूमि अधिग्रहण शुरू करा दिया जाएगा। एयरपोर्ट का निर्माण दो चरणों में किया जाना प्रस्तावित है।

अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी, मेरठ