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LUCKNOW: बिहार, राजस्थान और झारखंड में आतंक का पर्याय बन चुके अजय सिंह के गिरोह में धनंजय सिंह और अभय सिंह भी शामिल हैं। यह खुलासा किया है एसटीएफ के एक सीनियर अधिकारी ने। एसटीएफ के उक्त अधिकारी की मानें तों जयपुर में ख्00फ् में हुई मार्निग वाल्क के दौरान हुई सुमेधा दुर्लभजी की किडनैपिंग में अजय सिंह के अलावा धनंजय सिंह और अभय सिंह का भी हाथ था। जयपुर पुलिस ने इस घटना का खुलासा करते हुए अजय सिंह, अभय सिंह, धनंजय सिंह, राकेश सिंह और पांच अन्य लोगों को अरेस्ट किया था। अजय सिंह को छोड़ कर यह सभी अभी भी जयपुर जेल में बंद हैं। एसटीएफ सूत्रों की मानें तो अभय और धनंजय भी औरंगाबाद के ही रहने वाले हैं।

हर बार अलग टीम से कराता था किडनैपिंग

एसटीएफ के अधिकारी की मानें किसी भी घटना को अंजाम देने के लिए अजय सिंह काफी शातिराना तरीके से लोगों का इस्तेमाल करता था। वह कभी भी एक ही टीम को किडनैपिंग के किसी दूसरे मामले में इंवाल्व ही नहीं करता था। घटना को अंजाम देने वालों को यह इतना पैसा देता था कि वह कभी मुंह नहीं खोलता था। इसी तरह से इसका गिरोह बढ़ता गया। सूत्रों की मानें तो अजय फिरौती की रकम का आधा हिस्सा अपने पास रखता था और आधे में किडनैप की घटना को अंजाम देने वालें सदस्यों को दे देता था।

तबियत खराब होने पर ब्8 घंटे पहले वापस भेजा जेल

अजय सिंह सिंह और उसके गिरोह के सदस्यों को पांच दिन की रिमांड पर गोमतीनगर पुलिस ले आयी थी। लेकिन सोमवार को तड़के अजय की तबियत बिगड़ने लगी जिसके बाद उसे लोहिया हास्पिटल में एडमिट कराया गया। हास्पिटल से डिस्चार्ज कराने के बाद पुलिस दोबारा पूछताछ के लिए ले आयी। पूछताछ हो रही थी तभी फिर उसकी तबियत खराब होने लगी। पुलिस ने रिस्क ना लेते हुए उसका चेकअप कराने के बाद रिमांड की मियाद पूरी होने से पहले ही जेल में वापस भेजने का फैसला किया और शाम चार बजे उसे जेल छोड़ आये।

दमन दीप की टीम भी पहुंची लखनऊ

उधर, दमन द्वीप पुलिस की भी एक टीम सोमवार की शाम लखनऊ पहुंची। दमन पुलिस ने बताया कि दमन में भी एक लड़के का किडनैप हुआ था जिसे फिरौती देने के बाद छोड़ा गया था। फिरौती देने वाले ने टेलीविजन पर अजय की तस्वीर देखी तो बताया कि इसी को पैसा देकर अपहृत को छुड़ाया गया था। इसके बाद दमन पुलिस को इंफार्म किया गया और दमन पुलिस लखनऊ पूछताछ के लिए आ गयी। हालांकि दमन पुलिस जब लखनऊ पहुंची तो अजय को जेल वापस पहुंचाया जा चुका था।