अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तीसरी लिस्ट में स्वामी चक्रपाणि महाराज और कल्कि पीठ के संस्थापक आचार्य प्रमोद कृष्णम शामिल
ALLAHABAD: भगवा चोला ओढ़कर समाज में बाबा बनकर घूम रहे फर्जी बाबाओं पर एक बार फिर शिकंजा कसा गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की सितम्बर 2017 से फर्जी बाबाओं की जो लिस्ट जारी करने का सिलसिला शुरू हुआ है उस कड़ी में दो और नाम जुड़ गया है। अखाड़ा परिषद की ओर से पिछले वर्ष जहां सितम्बर और दिसम्बर माह में हुई बैठक के दौरान देशभर के कुल 17 फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की गई थी। 16 मार्च को परिषद ने तीसरी लिस्ट जारी करते हुए अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के स्वामी चक्रपाणि महाराज और कल्कि पीठ के संस्थापक आचार्य प्रमोद कृष्णम को फर्जी बाबाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है।
फर्जी चोला ओढ़कर कर रहे गुमराह
अखाड़ा परिषद की बैठक में फर्जी बाबाओं की लिस्ट पर भी संत-महात्माओं ने मंथन किया। श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा के महंत राजेन्द्र दास ने प्रस्ताव रखा कि आचार्य प्रमोद कृष्णम और स्वामी चक्रपाणि महाराज किसी अखाड़े से संबंधित नहीं है। दोनों लोग फर्जी चोला ओढ़कर सनातन संस्कृति को क्षति पहुंचाने का काम कर रहे हैं। जो भी साधु इनके कार्यक्रमों में जाता है उसे भी अखाड़ा परिषद से बहिष्कृत किया जाएगा। इसलिए दोनों बाबाओं का बहिष्कार किया जाता है। इस प्रस्ताव का श्री पंच आवाहन अखाड़े के महंत कैलाश पुरी ने समर्थन किया और प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
पहली लिस्ट : दस सितम्बर
-आसाराम बापू
-गुरमीत राम रहीम
- सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां
-सच्चिदानंद गिरि
-ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा
-निर्मल बाबा
-इच्छाधारी भीमानंद
-स्वामी असीमानंद
-ओम नम : शिवाय बाबा
-नारायण सांई
-रामपाल
- आचार्य कुशमुनि
-मलखान गिरि व बृहस्पति गिरि
दूसरी लिस्ट : 29 दिसम्बर
- वीरेन्द्र दीक्षित काल नेमी
-सच्चिदानंद सरस्वती
- त्रिकाल भवंता
जनमानस ऐसे बाबाओं से सतर्क रहे जो किसी परंपरा या संप्रदाय से नहीं आते हैं। क्योंकि साधु संत संयासी परंपरा, उदासीन परंपरा, नाथ संप्रदाय, वैष्णव व शिव संप्रदाय के ही माने जाते हैं। इसीलिए आचार्य प्रमोद कृष्ण म और स्वामी चक्रपाणि को फर्जी घोषित किया गया है। अब सरकार को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
महंत हरी गिरि,
महासचिव अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद