ढाई महीने के बाद इलाहाबाद में ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने जारी की फर्जी बाबा की दूसरी लिस्ट
ALLAHABAD: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से देश भर में सनातन परंपराओं के साथ खिलवाड़ कर रहे फर्जी बाबाओं की एक और लिस्ट जारी की गई है। दूसरी लिस्ट में तीन फर्जी बाबा शामिल हैं।
इनमें परी अखाड़ा की प्रमुख त्रिकाल भवंता, दिल्ली के वीरेन्द्र दीक्षित कालनेमी और उप्र के बस्ती जिले के सचिदानंद सरस्वती को फर्जी घोषित किया गया है। वहीं कोर्ट का निर्णय आने तक अलवर के फलाहारी बाबा को निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है कि अखाड़ा परिषद ने 11 सितंबर को फर्जी बाबाओं की पहली लिस्ट जारी की थी। इसमें 14 फर्जी बाबाओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया गया था।
सर्वसम्मति से हुआ निर्णय
अखाड़ा परिषद में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को मठ बाघम्बरी गद्दी में देश के सभी 13 अखाड़ों की बैठक आयोजित हुई। इसमें परिषद के सदस्यों ने सनातन परंपरा पर कुठाराघात करने वाले वीरेन्द्र दीक्षित, सचिदानंद सरस्वती व त्रिकाल भवंता को फर्जी घोषित किए जाने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पर परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि व महामंत्री महंत हरि गिरि ने अपनी मुहर लगा दी।
कौन हैं ये फर्जी बाबा
बाबा वीरेंद्र दीक्षित
-बाबा पर 'आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी' के नाम पर आश्रम में यौन शोषण के आरोप हैं। पुलिस ने इससे जुड़े देश के विभिन्न आश्रमों से कई लड़कियों को छुड़ाया।
-बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के 5 आश्रमों से 150 लड़कियों और महिलाओं को आजाद कराया जा चुका है।
-बाबा वीरेंद्र फिलहाल फरार है। हाईकोर्ट ने उसे 4 जनवरी को पेश करने का आदेश दिया है।
सचिदानंद सरस्वती, बस्ती
-बाबा पर आरोप है कि लड़कियों को बहाने से बंधक बनाकर रेप करता था। बाबा सच्चिदानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
-यह संत कुटिल आश्रम में धर्म प्रचार के नाम पर 20 सालों से युवतियों को मंत्र देकर शिष्या बनाता था और बाद में उनको अपना शिकार बनाता था।
त्रिकाल भवंता
-त्रिकाल भवंता उर्फ अनीता शर्मा यूपी में मिर्जापुर जिले की मूल निवासी है। ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। पिछले कुछ साल से सन्यासी जीवन में हैं।
-वह देश की पहली स्वघोषित महिला मंडलेश्वर हैं।
-पहले बतौर नर्स इलाहाबाद के प्राइवेट हॉस्पिटल में काम किया करती थी। बाद में इलाहाबाद की पक्की सड़क (दारागंज) पर अपना खुद का एक क्लीनिक खोल लिया।
-करीब 20 साल पहले इनकी शादी इलाहाबाद के शालिक राम शर्मा से हुई थी, जो पेशे से टीचर थे।
फलाहारी बाबा (निलंबित)
-पूरा नाम जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज है। वो रामानुज संप्रदाय से साधु माने जाते हैं।
-अलवर में इनका वेंकटेश दिव्य बालाजी धाम आश्रम है, जहां हर दिन भक्त जुटते हैं। फलाहारी बाबा अलवर में गोशाला भी चलाते हैं।
-दावा है कि बाबा पिछले 15 सालों से आध्यात्म में सक्रिय हैं।
-वो कुंभ में शिविर लगाते रहे हैं और संस्कृत के जानकार माने जाते हैं।
10 सितंबर की फर्जी लिस्ट में 14 बाबा थे शामिल
1. आसाराम बापू उर्फ आसुमल शिरमालानी
2. राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर
3. सच्चिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता
4. गुरमीत सिंह सच्चा डेरा सिरसा
5. ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा
6. निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह
7. इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी
8. स्वामी असीमानंद
9. ओम नम: शिवाय बाबा
10. नारायण साईं
11. रामपाल
12. कुशमुनि
13. स्वामी ब्रष्पद
14. मलखान गिरी
और त्रिकाल भवंता ने ये कहा
फैसले के बाद परी अखाड़ा की प्रमुख त्रिकाल भवंता ने महंत नरेन्द्र गिरि पर पलटवार करते हुए कहा है कि सरकार को सबसे पहले अखाड़ों की चल-अचल संपत्ति की जांच करानी चाहिए। अखाड़ा परिषद का गठन सिर्फ कुंभ के समय पेशवाई के लिए कैसी व्यवस्थाएं होनी चाहिए उसके लिए किया गया था। फर्जी लिस्ट घोषित करने का अधिकार परिषद को नहीं है। उन्होंने महंत नरेन्द्र गिरि से अपनी जान को खतरा बताते हुए प्रदेश सरकार से सुरक्षा की मांग भी की है। साथ ही हाईकोर्ट की शरण में जाने की बात भी कही।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद फर्जीवाड़े को रोकने के लिए संकल्पित है। ऐसे लोग जो चोला बदलकर सनातन परंपरा को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं, दूसरी लिस्ट में उनमें से तीन को फर्जी घोषित किया गया है। अब सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
-महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद