लखनऊ (एएनआई)। देशभर में NEET और JEE की परीक्षा को लेकर जबरदस्त मंथन चल रहा है। इस संबंध में आज गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कोरोना वायरस संकट के बीच संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के संचालन के खिलाफ आवाज बुलंद की। अखिलेश यादव ने भी इन परीक्षाओं को टालने की डिमांड की है। अखिलेश यादव ने कहा कि कोविड 19 के फैलने के बीच परीक्षा में लाखों छात्रों की जान जोखिम में डाल दी जाएगी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि जान के बदले एग्जाम, नहीं चलेगा-नहीं चलेगा!!!

केवल शहरी व अमीर ही केंद्रों तक पहुंचने व परीक्षा देने में समर्थ

वहीं इसके पहले भी उन्होंने कल ट्वीट किया था कि NEET, JEE व अन्य परीक्षाएं रोकने के लिए हृदयहीन सरकार एक बार माता-पिता के दिल से सोचे। कोरोना व बाढ़ में केवल शहरी व अमीर ही केंद्रों तक पहुंचने व परीक्षा देने में समर्थ हैं। ये पैसोंवालों की भाजपा सरकार का गरीब-ग्रामीण के खिलाफ षड्यंत्र है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने घोषणा की है कि JEE (मेन) 1 सितंबर से 6 सितंबर तक और NEET (UG) की परीक्षाएं 13 सितंबर को आयोजित की जाएंगी। बुधवार को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा में हुई।

सभी को सामूहिक रूप से सर्वोच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए

इस दाैरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि विपक्षी शासित राज्यों जैसे महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, झारखंड को सामूहिक रूप से NEET, JEE मुख्य परीक्षाओं को स्थगित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ इसी मुद्दे पर अपनी चिंताओं को उठाया था। परीक्षाएं सितंबर में हैं। छात्रों के जीवन को जोखिम में क्यों डाला जाना चाहिए? हमने प्रधानमंत्री को लिखा है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई है। यदि प्रधानमंत्री हमारी बात नहीं मानते हैं, तो हम सभी (राज्यों) को सामूहिक रूप से सर्वोच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए।

National News inextlive from India News Desk