कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Akshay Navami 2022 : 'अक्षय नवमी' के दिन भगवान विष्णु और आंवला वृक्ष की पूजा विशेष महत्व है। अक्षय नवमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह के दौरान शुक्ल नवमी के दिन मनाई जाती है। यह देव उठानी एकादशी से दो दिन पहले मनाया जाता है। दृक पंचांग के मुताबिक अक्षय नवमी के दिन को आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है। परंपरागत रूप से अक्षय नवमी के शुभ दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इस बार यह नवमी 2 नवंबर दिन बुधवार को मनाई जाएगी। नवमी तिथि 1 नवंबर रात 11 बजकर 4 मिनट पर शुरू होगी और 3 नंवबर दिन गुरुवार को रात 9 बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगी।

दान-पुण्य आदि के लिए महत्वपूर्ण है यह तिथि

मान्यता है अक्षय नवमी के दिन ही सत्य युग की शुरुआत हुई थी। इसलिए इस दिन को सत्य युगादि के रूप में भी जाना जाता है और यह सभी प्रकार की दान-पुण्य गतिविधियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अक्षय नाम से पता चलता है, इस दिन कोई भी भक्तिपूर्ण कार्य करने का फल कभी कम नहीं होता और न केवल इस जन्म में बल्कि अगले जन्मों में भी इसका पुण्य मिलता है।

इस दिन मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा अत्यंत शुभ

अक्षय नवमी का दिन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि अक्षय तृतीया का दिन। अक्षय तृतीया त्रेता युगादि है, जिस दिन चार युगों में से त्रेता युग शुरू हुआ, अक्षय नवमी सत्य युगादी है। अक्षय नवमी के पावन दिन मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा अत्यंत महत्वपूर्ण है। पश्चिम बंगाल में इस दिन जगधात्री पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवी जगधात्री की पूजा की जाती है।