- 30 जून तक सभी कॉलेजों को यूनिवर्सिटी से कराना होगा अनुमोदन

- एकेटीयू ने कर्मचारियों के लिए जारी किया नियमावली

- अब बीच सेशन या बिना किसी कारण के बीच में कर्मचारी को नहीं निकाल सकते कॉलेज

LUCKNOW: अब स्टेट के निजी इंजीनियरिंग एवं मैनेजमेंट कॉलेज प्रबंधन अब मनमाने तरीके से किसी भी शिक्षक को मनमाने तरीके से नौकरी से नहीं निकाल सकेंगे। इसके लिए डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) ने कॉलेजों के लिए मॉडल बाइलॉज, सेवा नियमावली और अवकाश नियमावली जारी कर दिया है। जिसे कार्य परिषद से भी अनुमति प्रदान कर दी गई है। एकेटीयू ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के नियमों को लागू करें। कॉलेजों को भी यह नियमावली बनाने और जून 2016 तक इसे यूनिवर्सिटी से अनुमोदित कराने के निर्देश दिए हैं। एकेटीयू के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने कहा है कि जब उचित सेवा नियमावली कॉलेज में लागू नहीं थी, तब किसी भी शिक्षक को अकारण बीच सेशन से हटा दिया जाता था।

लगातार मिल रही हैं शिकायतें

एकेटीयू से सम्बद्ध प्रदेश में 630 से ज्यादा इंजीनियरिंग एवं मैनेजमेंट कॉलेज संबद्ध हैं। यूनिवर्सिटी को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि निजी कॉलेज बिना कोई कारण बताए उनको मनमाने तरीके से तत्कालिक प्रभाव या अल्प समय की नोटिस देकर सेवामुक्त कर रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे कॉलेज भी हैं, जो शिक्षकों को या तो नियुक्ति पत्र जारी नहीं करते। या फिर अपनी मर्जी के अनुसार नियुक्ति पत्र में सेवा शर्तो का उल्लेख कर देते हैं, जिससे जब मर्जी हुई शिक्षक को निकाल दिया। वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक के मुताबिक स्थिति यह है कि अधिकांश कॉलेजों में प्रशासकीय परिषद अथवा प्रबंधन बोर्ड निष्क्रिय पड़ा है। इससे बहुत से शिक्षकों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा है। उसमें भी विश्वविद्यालय को ही पक्षकार बनाया जाता है। इसलिए अब कॉलेजों की मनमानी रोकने के लिए नई सेवा नियमावली बनाई गई है।

बनानी होगी जांच कमेटी

वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई शिक्षक अध्यापन में रुचि नहीं रखता है या विभागीय कार्यो में सहयोग नहीं करता है तो उसे लिखित चेतावनी जारी की जानी चाहिए। यदि उसके बाद भी शिक्षक के कार्यकलापों में सुधार नहीं होता है तो कॉलेज एक जांच कमेटी गठित करें और शिक्षक को चार्जशीट दी जाए। साथ ही शिक्षक को अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया जाए। ऐसे शिक्षक को कार्यमुक्त करते समय कॉलेज की ओर से जांच कमेटी की संस्तुति एवं अन्य सभी तथ्यों की रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को भी भेजनी अनिवार्य होगी।