- एकेटीयू ने बैठक में लगाई कई प्रस्तावों पर मुहर

- एग्जाम सेंटर्स का निर्धारण दस किमी की परिधि में किया जाएगा

LUCKNOW : डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) के एग्जाम व दूसरी चीजों के बारे में गलत सूचनाएं देने वाले कॉलेजों पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाएगा। इस प्रस्ताव पर मंडे को यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में आयोजित एग्जाम कमेटी की बैठक में स्वीकृति प्रदान प्रदान की गई। बैठक में कहा गया है कि एग्जाम सेंटर्स का निर्धारण दस किलोमीटर की परिधि में ही किया जाएगा। इसके अलावा एमटेक का डिजिटल मूल्यांकन कराने के साथ ही इस प्रक्रिया में बीटेक कोर्स को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना बनाने को लेकर सहमति बन गई है। वीसी के निर्णय के अनुसार स्क्रूटनी व चैलेंज इवेल्युएशन में अगर बीस फीसदी मॉ‌र्क्स का अंतर मिला तो संबंधित परीक्षक को भविष्य के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा।

बनी तीन सदस्यीय कमेटी

कॉलेजों की ओर से शाखा परिवर्तन करने की शिकायतों के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन एकेटीयू वीसी की ओर से किया गया है। इस कमेटी में डॉ। राजीव कुमार, डॉ। सुबोध बैरिया और डॉ। अरुणिमा वर्मा को शामिल किया गया है। यह कमेटी कॉलेजों द्वारा गलत सूचनाओं के संप्रेषण को लेकर उपजे मामलों की जांच करेगी।

घोषित हुआ एग्जाम कैलेंडर

एकेटीयू वीसी की ओर से मंडे को एग्जाम कैलेंडर जारी कर दिया गया। कैलेंडर के अनुसार आगामी सम सेमेस्टर के एग्जाम 12 मई से तीस मई के बीच संपन्न कराई जाएंगी। इसके अलावा प्रैक्टिकल एग्जाम 1 से दस मई के बीच संपन्न कराई जाएंगी। सोमवार को वीसी ने बताया कि रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर उत्तर प्रदेश के एमटेक की मान्यता एआईसीटीई से मिल गई है। इसके चलते वहां की एग्जाम भी वर्तमान परीक्षा कार्यक्रम में ही सम्मिलित करा ली जाएंगी।

स्टूडेंट्स को मिली राहत

रिमोट सेसिंग के स्टूडेंट्स को बड़ी राहत मिली है। कॉलेज की मान्यता न होने के कारण इस कॉलेज के करीब दो दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटका था। वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने बताया कि रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशनस सेन्टर उत्तर प्रदेश के एमटेक की मान्यता एआईसीटीई से प्राप्त हो गई है। अत: उनकी एग्जाम वर्तमान परीक्षा कार्यक्रम में ही करा लेने का निर्णय लिया गया है।