- एकेटीयू और टेक्सास इंस्ट्रूमेंट में करार, इंडस्ट्री और कोर्स को लाएंगे साथ

- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होगी शिक्षकों और छात्रों की ट्रेनिंग

LUCKNOW :

अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) के खाते में बुधवार को एक और उपलब्धि दर्ज हो गई। देशभर में तकरीबन 1800 इंजिनियरिंग कॉलेजों में 2500 से ज्यादा अत्याधुनिक लैब की स्थापना कर हजारों स्टूडेंट्स और शिक्षकों को प्रशिक्षण दे चुकी टेक्सॉस इंस्ट्रूमेंट ने बुधवार को एकेटीयू के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू के अनुसार एकेटीयू से संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों व इंजिनियरिंग के स्टूडेंट्स को वैश्विक स्तर की ट्रेंनिग उपलब्ध कराई जाएगी और सभी जरूरी संसाधनों को एकेटीयू की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा।

एकेटीयू के कॉलेजों में बनाएगी लैब

गौरतलब है कि एकेटीयू के वीसी कुलपति डॉ। विनय कुमार पाठक यूनिवर्सिटी को तकनीक के क्षेत्र में आगे रखने को प्रयासरत हैं और यह करार उसी की एक कड़ी है। इस मौके पर टेक्सॉस इंस्ट्रूमेंट इंडिया के निदेशक संजय श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा और यूनिवर्सिटी का यह संयुक्त प्रयास रहेगा कि हम वास्तव में इंडस्ट्री में काम आने वाली चीजों को छात्रों व शिक्षकों को दे सकें। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हमने एकेटीयू के चार कॉलेजों के साथ करार किया है। यह सभी कॉलेज विविधताओं से भरे हैं। बताते चलें कि टेक्सॉस इंस्ट्रूमेंट्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की सहायक सेपियंस कंसल्टिंग है और एकेटीयू में लैब की स्थापना का मूल उद्देश्य इंजियनिरिंग के कई पहलुओं को कोर्स में शामिल करना है। इसके तहत संस्था एकेटीयू के सरकारी संस्थाओं में लैब स्थापित करेगी।

प्रोजेक्ट आधारित होगी वर्कशॉप

टेक्सॉस के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अंतर्गत तकरीबन 116 तरीकों की चीजें तीन दिन के ट्रेनिंग सत्र में सिखाई जाएंगी। इसमें ज्यादातर कोर्स प्रोजेक्ट आधारित होंगें। इस बारे में एकेटीयू के वीसी ने कहा कि हमारी तरफ से कॉलेजों को इसे अपनाने को कहा जा चुका है। उन्होंने कहा कि वास्तव में किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए उसकी ढांचागत विशेषताओं पर ध्यान देना बेहद जरूरी है और इसी को हम अपने कोर्स के दौरान शिक्षकों व छात्रों को सिखाने का प्रयास करने जा रहे हैं। वीसी के अनुसार इस कोर्स की सहायता से हम अपने देश को कुशल इंजिनियरों की सौगात दे सकेंगे।

स्टेट में कम नहीं प्रतिभाएं

टेक्सॉस प्रोग्राम के अंतर्रगत आए विशेषज्ञों ने कहा कि सूबे में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें बस तकनीक का सहारा देना है। अगर प्रत्येक क्षेत्र में लैब और संसाधनों को जोड़ दिया जाए तो यहां से निकली प्रतिभाओं को पूरे विश्व में पहचान मिलना तय है। एक आंकड़े के अनुसार राजधानी के आईईटी कॉलेज से वर्ष भर में कई हजार प्रतिभाएं निकलती हैं, लेकिन इंडस्ट्री ओरिएंटेड कोर्स न होने के चलते उनमें से जयादातर को ऊंचे मौके नहीं मिल पाते। एकेटीयू के साथ करार करने वाली टैक्सास इंस्ट्रूमेंट्स के प्रोग्राम निदेशक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि अभी हमने एकेटीयू के साथ वर्ष 2017 तक के लिए ही करार किया है, लेकिन इसके आगे के नतीजे अगर सुखद रहे तो इसकी मियाद बढ़ाई भी जा सकती है।