- एग्जाम के लिए तैयार एकेटीयू, मूल्यांकन के लिए गाइडलाइन जारी

LUCKNOW: उत्तर पुस्तिकाओं में होने वाली गड़बडि़यों और छात्रों के हितों का ध्यान में रखते हुए डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने ख्0क्भ्-क्म् में होने वाले एग्जाम को लेकर तैयारियां की हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। विनय कुमार पाठक छात्राओं के मा‌र्क्स में होने वाली गड़बडि़यों को रोकने के लिए शनिवार को परीक्षा केन्द्रों के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है।

परीक्षक को हो तीन साल का अनुभव

मीडिया इंचार्ज आशीष मिश्र के अनुसार मूल्याकंन केन्द्रों पर उत्तर पुस्तिका की जांच से पहले प्रश्न पत्रों के सोल्यूशन्स, संशोधन और अन्य अपेक्षित निर्देश विश्वविद्यालय की स्वीकृत पर रख ली जाए, जिससे मूल्यांकन केन्द्रों पर विषयगत एकरूपता बनी रहे। मूल्यांकन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए केन्द्र पर कार्यरत और सम्बद्ध परीक्षक के पास कम से कम तीन वर्ष अनुभव होना जरूरी है। साथ ही यदि कोई शिक्षक परास्नातक या पीएचडी उपाधि धारक है और उसके पास एक साल का शैक्षणिक अनुभव को परीक्षक कार्य के लिए योग्य माना जाए। इसके अलावा विश्वविद्यालय से पूर्व अनुमति के बिना किसी अन्य को परीक्षक नामित ना किया जाए। किसी को परीक्षक नियुक्त करते समय विश्वविद्यालय से परमीशन लेना अनिवार्य होगा।

एक दिन में 80 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच

प्रधान परीक्षक रोजाना एक परीक्षक से 80 उत्तर पुस्तिकाएं ही मूल्यांकन के लिए दी जाए। मूल्यांकन की अवधि में फ‌र्स्ट ईयर की एक हजार और अन्य किसी भी ईयर की म्ब्0 उत्तर पुस्तिकाएं किसी भी परीक्षक को जांच के लिए दी जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका जांच के लिए देने पर विश्वविद्यालय से परमीशन लेनी पड़ेगी। प्रधान परीक्षक कम से कम क्0 प्रतिशत मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं का पुन: मूल्यांकन करता है। ऐसे में प्रधान परीक्षक को ब्0 उत्तर पुस्तिकाओं के हर पैकेट के कम से कम एक अधिकतम प्राप्तांक वाली और एक न्यूनतम प्राप्तांक वाली उत्तर पुस्तिकाओं का पुन: मूल्यांकन करना अनिवार्य है। प्रधान परीक्षक को विश्वविद्यालय को दी जाने वाली रिपोर्ट में यह उल्लेख करना होगा कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याकंन पूछे गए प्रश्नों के अनुसार ही किया गया है।

विश्वविद्यालय ने यह भी निर्णय लिया गया है कि मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं की रैंडम सैम्पलिंग के तहत मूल्यांकन किया जाएगा। ऐसे में यदि कहीं गड़बड़ी मिली तो परीक्षक के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

पहले हो चुका है विवाद

बताते चलें कि इस साल प्राविधिक विश्वविद्यालय में जब छात्रों को उत्तर पुस्तिकाएं दिखाई जा रही थी, तब मूल्यांकन को लेकर विवाद हो गया। छात्रों ने कई परीक्षकों पर सवालिया निशान लगा दिया। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि उत्तर पुस्तिकाओं में लिखे कई उत्तर सही है जबकि परीक्षक ने उन्हें ठीक ढंग से देखा ही नहीं है।