-समाज कल्याण विभाग ने जारी किया आदेश

-एक लाख से अधिक स्टूडेंट होंगे प्रभावित

-अब तक जीरो फीस पर एडमिशन, समाज कल्याण करता था प्रतिपूर्ति

LUCKNOW:

डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से संबद्ध कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले एससी एसटी स्टूडेंट्स को भी फीस जमा करनी होगी। अब तक इनके लिए जीरो फीस का नियम था और उसकी प्रतिपूर्ति समाज कल्याण विभाग करता था। समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर ने इसके निर्देश जारी किए हैं। इससे लगभग एक लाख स्टूडेंट्स को अब फीस जमा करनी होगी।

समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर ने कहा है कि एससी एसटी स्टूडेंट्स को जीरो फीस पर एडमिशन लेने के लिए कॉलेज बाध्य नहीं है। निदेशक मनोज सिंह ने पत्र में कहा है कि शत प्रतिशत निशुल्क के प्रवेश के संबंध में राज्य सरकार की कोई व्यवस्था नहीं है। कॉलेज अपने स्तर पर जीरो फीस पर दाखिला दे रहे हैं। सरकार की ओर से बाध्यकारी नहीं है। यह स्पष्ट है कि गत शैक्षिक सत्र 2016-17 या पूर्व के शैक्षिक सत्रों में जिन एसटी, एससी छात्रों को किसी कारण से शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि का भुगतान नहीं हुआ है। उन छात्रों को जीरो फीस पर प्रवेश देने के लिए संस्थान बाध्य नहीं हैं। निदेशक समाज कल्याण ने एकेटीयू के वीसी को लेटर भेजकर कॉलेजों को निर्देश जारी करने को कहा है।

एक लाख को लगेगा झटका

समाज कल्याण विभाग के इस फरमान से जीरो फीस पर एडमिशन लेकर इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों के एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स को झटका लगेगा है। जबकि अब तक एससी एसटी स्टूडेंट्स को जीरो फीस पर एडमिशन होते थे। मतलब एडमिशन के दौरान कोई फीस नहीं ली जाती थी। बाद में प्रतिपूर्ति के लिए समाज कल्याण विभाग में आवेदन किए जाते हैं।

एग्जाम शुल्क को लेकर विवाद

एकेटीयू की सेमेस्टर परीक्षा दिसंबर महीने में शुरु हो रही है। इसके लिए फार्म भरने की प्रक्रिया चल रही है। यूनिवर्सिटी ने सभी स्टूडेंट्स को एग्जाम फीस जमा करने के निर्देश जारी किए हैं। कॉलेजों ने कहा कि एससी एसटी के एडमिशन जीरो फीस पर किए गए और फीस समाज कल्याण विभाग देता है। इसलिए वह फीस नहीं जमा कर सकते। इस मामले को लेकर ही समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर ने पत्र जारी किया है।

भारत सरकार ने एसटी की फेलोशिप बंद कर दी। प्रदेश सरकार पहले ही 90 प्रतिशत तक बजट कम कर चुकी है। अब दलित बच्चों की पढ़ाई बंद कराने पर तुले हैं।

-बसंत कनौजिया, अम्बेडकर यूनिवर्सिटी दलित स्टूडेंट्स यूनियन

यह बच्चों के हक पर कुठाराघात है। एडमिशन जीरो फीस पर होता है और फीस नहीं ली जानी चाहिए। आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति मंत्री और सीएम से इसे वापस लेने की मांग करेगी।

-अवधेश वर्मा, संयोजक, आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति