सेंट्रल ई वे बिल में व्यापारियों की हर समस्या का रखा गया है ख्याल

माल नहीं हुआ रिसीव तो 72 घंटे के अंदर कॉमन पोर्टल पर दे सकते हैं जानकारी

ALLAHABAD: एक अप्रैल से पूरे देश में लागू इंटर स्टेट ई-वे बिल और 15 अप्रैल से यूपी समेत पांच राज्यों में लागू इंट्रा स्टेट ई-वे बिल को लेकर व्यापारियों में डर और कनफ्यूजन अभी बरकरार है। लेकिन इस बार जीएसटी काउंसिल की ओर से लागू इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में माल परिवहन के दौरान व्यापारियों के सामने आनी वाली समस्याओं का पूरा ध्यान रखा गया है।

50 हजार के कंसाइनमेंट पर जरूरी

ई-वे बिल 50 हजार रुपये के माल पर नहीं बल्कि 50 हजार रुपये के कंसाइनमेंट पर लगाया जाएगा। कंसाइनमेंट में 50 हजार रुपये के मूल्य में सभी टैक्स, सेस आदि लगाकर जो फाइनल बिल तैयार होगा उसे ही ई-वे बिल के लिए आवश्यक माना जाएगा।

तो ए और बी दोनों जेनरेट करें

यदि किसी पंजीकृत व्यापारी द्वारा माल खरीद कर अपने ही वाहन से ले जाया जा रहा है तो ई-वे बिल ए और बी दोनों क्रेता व्यापारी द्वारा जेनरेट किया जाएगा।

ट्रेन से आ रहा माल तब भी जरूरी

रेलवे द्वारा जो भी माल परिवहन किया जा रहा है, उसमें अब ई-वे बिल को पूरी तरह से कंपलसरी कर दिया गया है। अब रेलवे से मंगाए सामान की डिलीवरी तभी होगी, जब उसके साथ ई-वे बिल दिखाया जाएगा। सेंट्रल इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में अपंजीकृत व्यापारी भी 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के सामान का परिवहन करता है तो ई-वे बिल जेनरेट करने का ऑप्शन दिया गया है। अपंजीकृत व्यापारी द्वारा अपने निजी वाहन, किराए पर फिर ट्रांसपोर्टर द्वारा माल का परिवहन किया जा रहा है तो वह व्यापारी ई-वे बिल के कॉमन पोर्टल पर जाकर ई-वे बिल जेनरेट कर सकता है।

क्रेता और ट्रांसपोर्टर दोनों जेनरेट करें

यदि व्यापारी राज्य के भीतर व्यापार स्थल से ट्रांसपोर्टर के गोदाम तक सामान पहुंचाता है तो ई-वे बिल ए विक्रेता और ई-वे बिल बी ट्रांसपोर्टर द्वारा जेनरेट किया जाएगा।

वाहन खराब तो अपडेट करें बिल

ई-वे बिल जेनरेट करने के बाद माल परिवहन के दौरान अगर ई-वे बिल में दर्ज वाहन खराब हो जाता है या फिर किसी और कारण से वाहन बदलने की मजबूरी है तो क्रेता, विक्रेता और ट्रांसपोर्टर तीनों ई-वे बिल पोर्टल पर जाकर वाहन संख्या को अपडेट करते हुए उसे बदल सकते हैं।

24 घंटे के अंदर करें कैंसिल

कंसाइनमेंट का ई-वे बिल जेनरेट हो चुका है, लेकिन वाहन खराब होने या किसी और कारण से माल का परिवहन नहीं हो पाया है तो 24 घंटे के अंदर ई-वे बिल निरस्त किया जा सकता है। शर्त ये होगी कि माल को सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के सचल दल द्वारा चेक न किया गया हो।

ई-वे बिल की जरूरत नहीं

नॉन मोटराईज वाहन से माल डिलीवरी पर ई-वे बिल की कोई आवश्यकता नहीं है

30 मिनट के अंदर जारी करना होगा डिटेंशन मेमो

किसी वाहन को चेकिंग के लिए सचल दल द्वारा रोका गया है तो संबंधित अधिकारी व कर्मचारी द्वारा 30 मिनट के अंदर इंटरसेफ्ट या डिटेंशन मेमो दिया जाएगा।

तो 72 घंटे में दें जानकारी

ई-वे बिल जेनरेट करने के साथ ही किसी पंजीकृत व्यापारी ने पंजीकृत व्यापारी को माल का कंसाइनमेंट भेज दिया और किसी कारण से व्यापारी ने माल रिजेक्ट कर दिया या फिर वह माल लेने को तैयार नहीं हुआ तो ई-वे बिल जेनरेट होने के 72 घंटे के अंदर क्रेता और विक्रेता में से कोई भी ई-वे बिल पोर्टल के कॉमन पोर्टल पर जानकारी दे सकता है।

व्यापारी सावधानी बरत कर ई-वे बिल का प्रयोग करें। क्योंकि सुविधाएं भी दी गई हैं। पहले सुविधाएं नहीं दी गई थी। रेलवे द्वारा माल की डिलेवरी तभी होगी, जब ई-वे बिल दिखाया जाएगा।

संतोष पनामा

संयोजक

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति