17

फरवरी को हुई थी वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत

100

करोड़ रुपए की लागत से आईसीएफ कानपुर में तैयार हुई थी ट्रेन

150

करोड़ टिकट बिक्री से कमा चुका है रेलवे चार महीने में

07

करोड़ रुपए की हर महीने इनकम हो रही है

160

किमी प्रति घंटा है वंदे भारत एक्सप्रेस की मैक्सिमम स्पीड

130

किमी प्रति घंटा है एवरेज स्पीड

72

फेरों में 68 बार रही राइट टाइम

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पैसेंजर्स की डिमांड को देखते हुए रेलवे ने लिया निर्णय

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को रेल मंत्रालय की उम्मीद से ज्यादा रिस्पांस मिल रहा है। 100 करोड़ की लागत से आईसीएफ चेन्नई में तैयार वंदे भारत एक्सप्रेस ने केवल चार महीने में टिकट बिक्री से 150 करोड़ कमा लिए हैं। अब पैसेंजर्स की डिमांड को देखते हुए रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस को सप्ताह में सातों दिन चलाने का डिसीजन लिया है।

राइट टाइम दौड़ रही है वंदे भारत

पिछले कई दशकों में रेलवे ने सैकड़ों हाईस्पीड और स्पेशल ट्रेनें चलाई जो आज तक राइट टाइम नहीं हो सकीं। लेकिन वंदे भारत एक्सप्रेस 17 फरवरी से अब तक लगातार करीब-करीब राइट टाइम रही है। इससे वाराणसी से दिल्ली, दिल्ली से वाराणसी वाया कानपुर और इलाहाबाद जंक्शन की दूरी पहले से कम हो गई है।

तो टिकट पर भी मिलेगी सब्सिडी

वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर करने वाले पैसेंजर्स को ट्रेन में सफर करने पर किसी तरह की सब्सिडी रेल मंत्रालय द्वारा नहीं दी जा रही है। वहीं राजधानी और शताब्दी के साथ ही अन्य ट्रेनों के मुकाबले वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया भी ज्यादा है। वंदे भारत एक्सप्रेस की मैक्सिमम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन अभी ये ट्रेन मैक्सिमम 130 की स्पीड से दौड़ रही है। टै्रक मेंटीनेंस के साथ ही सुरक्षा के अन्य कारण की वजह से स्पीड नहीं बढ़ पा रही है। भारतीय रेलवे को वंदे भारत एक्सप्रेस का दूसरा रैक मिल गया है। नए रैक को भी दिल्ली-हावड़ा रूट पर चलाया जाएगा।

वंदे भारत एक्सप्रेस की पंक्चुअलिटी 99 परसेंट है। इसलिए वंदे भारत एक्सप्रेस पैसेंजर्स की पहली पसंद बनती चली जा रही है। पैसेंजर्स की डिमांड को देखते हुए जल्द ही वंदे भारत एक्सप्रेस को सप्ताह में सातों दिन चलाया जाएगा।

-अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर