- रेजिडेंशियल एरिया और कॉलोनियों में डस्टबिन कल्चर नहीं बना सका नगर निगम

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PRAYAGRAJ: प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के तहत कुम्भ के दौरान में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर डस्टबीन लगाया गया था। ताकि लोग राह चलते किसी कचड़े को उधर-इधर न फेंके। पर स्मार्ट सिटी की कवायद कर रहा प्रयागराज की स्थिति ये है कि यहां सड़कों पर आपको इक्का-दुक्का स्थानों पर ही डस्टबीन यानी सीपी (कम्पैक्टर प्रेशर)और डीपी (डंफर प्रेशर) दिखाई देंगे।

कुंभ मेला के दौरान खर्च हुए अरबो रुपए

कुंभ मेला के दौरान सफाई व्यवस्था के नाम पर अरबों रुपया खर्च करने के बाद भी सिस्टम प्रयागराज में डस्टबीन कल्चर डेवलप नहीं कर सका है। वहीं डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पहले से ही बंद है। ऐसे में घरों और दुकानों का कचरा सड़क पर नहीं आएगा, तो फिर कहां जाएगा।

दो सौ मीटर दूरी पर होना चाहिए डस्टबीन

नगर निगम के रूल में 200 मीटर के दूरी पर एक सीपी और डीपी रखे जाने का नियम है। अपने शहर की बात करें तो यहां 200 मीटर नहीं, बल्कि 800 से 1000 मीटर की दूरी पर डीपी दिखाई दे जाए तो बड़ी बात है।

डस्टबीन न होने से कचरा आ रहा है सड़क पर

वार्डो में डस्टबीन न होने की वजह से कचरा कहीं और नहीं बल्कि सड़क पर ही फेका जा रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने शनिवार को हकीकत जानने के लिए सिटी का भ्रमण किया तो उसे कुलभाष्कर डिग्री कॉलेज मेन गेट पर कचरे का ढेर,

करेली के चकिया चौराहे के पास स्थित एक मंदिर के सामने भी कचरा मिला। इसी तरह शहर के हर गली-हर एरिया में थोड़ी-थोड़ी दूर पर कचरा दिखाई दिया।

सड़क पर आखिर क्यों न आए कचरा?

कर्नलगंज वार्ड

25-30 हजार है वार्ड की आबादी

है। इस वार्ड में कर्नलगंज, दरभंगा, बाबाजी का बाग और यूनिवर्सिटी का एरिया आता है। पर इस महत्वपूर्ण वार्ड में केवल दो डीपी और तीन सीपी ही दिखायी दी।

करैलाबाग

25 से 30 हजार आबादी का करैलाबाग वार्ड में करैली सहित कई मोहल्ले आते हैं। यहां मात्र 6 सीपी और 1 डीपी लगी दिखी। लोगों के घरों के बाहर कचड़ा फैला दिखा। यहां सफाई व्यवस्था हरी-भरी के जिम्मे हैं।

मुट्ठीगंज

कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी का आवास मुट्ठीगंज वार्ड से सटा है

यहां के वार्ड की आबादी करीब 35 से 40 हजार है। यह वार्ड व्यापारियों का गढ़ है, लेकिन एक भी सीपी और डीपी पूरे वार्ड में नहीं है.ं

एलनगंज

एलनगंज वार्ड की आबादी एक लाख से अधिक है। इस वार्ड में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स रहते हैं। इस वार्ड में भी एक भी डीपी और सीपी नहीं रखा गया है

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वर्जन

सफाई व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। पॉश एरिया में भी सीपी-डीपी नहीं रखे गए हैं। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन भी नहीं है। आखिर लोग कचरा सड़क पर न फेकें तो फिर क्या करें।

आनंद घिल्डियाल

पार्षद कर्नलगंज

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वर्जन-

कैबिनेट मंत्री और मेयर का आवास हमारे वार्ड से सटा है। इसके बाद भी यहां सफाई व्यवस्था पर अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। व्यापारियों का गढ़ होने की वजह से यहां कचरा थोड़ा ज्यादा निकलता है। इसके बाद भी एक भी सीपी और डीपी न होने से कचरा सड़क पर ही आता है।

रुचि गुप्ता

पार्षद, मुट्ठीगंज

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वर्जन-

सीपी, डीपी जरूरत से काफी कम होने और सफाई कर्मचारियों की संख्या कम होने से वार्ड का कचरा दो-तीन दिन तक वार्ड में ही पड़ा रहता है। कई-कई दिन बाद सीपी-डीपी उठता है। जमीन पर कचरा आना नहीं चाहिए, लेकिन यहां मजबूरी है। क्येांकि घर से कचरा कलेक्शन की कोई व्यवस्था नहीं बन सकी है।

फजल

पार्षद, करैलाबाग

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वर्जन-

पिछले डेढ़ वर्ष से लगातार नगर निगम अधिकारियों से वार्ड में सीपी और डीपी रखे जाने। सफाई व्यवस्था में सुधार किए जाने की मांग की जा रही है। कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के बजाय कर्मचारी हटाए जा रहे हैं। मेरे घर के सामने निगम कर्मचारियों ने कूड़ा अड्डा बना दिया है। जहां कचरा फेंका जाता है।

नितिन यादव

पार्षद, ऐलनगंज

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