शहर और यमुनापार के साथ ही दिल्ली-हावड़ा को भी जोड़ता है ये पुल

PRAYAGRAJ: पूरा शहर आज आजादी का जश्न मनाएगा। इस जश्न में एक पुल भी शामिल होगा जो आजादी के पहले से ब्रिज बना हुआ है। आज ही के दिन 154 साल पहले अंग्रेजों ने इस पुल की न सिर्फ कल्पना की बल्कि इस कल्पना को जमीन पर भी उतारा। 15 अगस्त के दिन इसका इनॉगरेशन हुआ था। वक्त के साथ इस पुल पर लोड बढ़ा। वाहन बढ़े, फिर भी इसकी क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। यही पुलिस दिल्ली हावड़ा रूट पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेनों को भी रास्ता मुहैया करायेगा।

मजबूती की मिशाल बना है ब्रिज

15 अगस्त को आजादी के जश्न के साथ ही प्रयागराज का ऐतिहासिक यमुना पुल 154 साल का हो जाएगा। अंग्रेजों के जमाने का यह पुल समय को मात देता हुआ यमुना की तेज धार को झेल रहा है। पिछले तीन-चार दशक में शहर में बने कई पुल और बिल्डिंग्स जर्जर हो चुकी हैं। लेकिन, बेमिसाल इंजीनियरिंग के दम पर यमुना पुल आज भी अपनी जगह स्थिर है।

बोझ बढ़ा पर वजूद कायम

1865 में जब यमुना नदी पर पुल बना तब गिनती की ही ट्रेन चलती थीं। उस समय चलने वाली ट्रेनों में डिब्बों की संख्या भी कम होती थी। मालगाड़ी का भी लोड 2000 टन से ज्यादा नहीं होता था। अब तो पांच हजार से 5500 टन लोड वाली मालगाडि़यां ट्रैक पर दौड़ रही हैं। करीब 250 पैसेंजर और मालगाड़ी इस पुल से हर रोज गुजरती हैं।

तीन डिपार्टमेंट करते हैं मेंटीनेंस

दिल्ली-हावड़ा रूट पर स्थित पुराने यमुना पुल के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी रेलवे के तीन डिपार्टमेंट पर है। आईओडब्ल्यू डिपार्टमेंट गर्डर के नीचे की व्यवस्था देखता है। बीआरआई डिपार्टमेंट मरम्मत का काम कराता है। वहीं पीडब्ल्यूआई डिपार्टमेंट ट्रैक का निरीक्षण करता है। सभी का शेड्यूल बना हुआ है। 30-40 स्टॉफ पर-डे पुराने यमुना पुल के मेंटीनेंस में लगा रहता है।

1865

में अंग्रेजों ने कराया था यमुना पुल का निर्माण

14

पिलर हैं पुल में। पिलर की डिजाइन हाथी पांव की तरह है।

3150

फीट लंबा है पुराना यमुना पुल। इसे लोहे की रिपीट से बांधा गया है।

44.46

लाख रुपए निर्माण में हुए थे खर्च।

250

से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं 154 साल पुराने पुल पर से।

5500

टन के लोड के साथ दौड़ती है मालगाड़ी।

पुराने यमुना पुल के मेंटीनेंस का पूरा ख्याल रखा जाता है। अलग-अलग डिपार्टमेंट की टीम मेंटीनेंस वर्क में लगी रहती हैं। कुछ भी कमी आने पर तत्काल मरम्मत कराई जाती है। यह पुल पूरी तरह फिट है।

-पीके आजाद

डिप्टी सीई, ब्रिज

दिल्ली-हावड़ा रूट पर स्थित पुराना यमुना पुल रेलवे के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 250 से अधिक ट्रेनें इसी पुल से होकर गुजरती हैं। ऐतिहासिक पुल की मरम्मत का रेलवे पूरा ख्याल रखता है।

-सुनील कुमार गुप्ता

पीआरओ, इलाहाबाद मंडल