-एनसीआर जोन में अब जल्द आएंगी बॉटल्स की नई खेप

नंबर गेम

30 पेटी रेल नीर एक स्टॉल पर लगता है

12 बॉटल होते हैं एक पेटी में

25 स्टॉल हैं इलाहाबाद जंक्शन पर

360 बॉटल एक स्टॉल पर रेल नीर खपत

9000 प्लास्टिक बॉटल जाती हैं कचरे में

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लग चुका है। लेकिन प्लास्टिक की बोतलों में पानी अभी भी एक मेजर कन्सर्न है। बोतलबंद पानी की सबसे ज्यादा खपत रेलवे स्टेशनों पर होती है। इस समस्या से निपटने के लिए आईआरसीटीसी यहां पर बायोडिग्रीडेबल बॉटल में पानी देने की पहल कर चुका है। इसकी शुरुआत तेजस एक्सप्रेस से कर दी गई है। इलाहाबाद जंक्शन की बात करें तो यहां हर रोज करीब आठ से नौ हजार रेल नीर की बॉटल्स बिक जाती हैं। लेकिन एनसीआर में भी जल्द ही बायोडिग्रीडेबल बोतल में पानी देने का इंतजाम किया जा रहा है।

इन प्लांटों में तैयार होगा बॉयोडिग्रीडेबल रेल नीर

नांग्लोई नई दिल्ली, दानापुर पटना, पालूर चेन्नई, अंबरनाथ महाराष्ट्र, अमेठी उत्तर प्रदेश, परसल्ला केरला, बिलासपुर छत्तीसगढ़, हापुड़ उत्तर प्रदेश, सानंद अहमदाबाद, मंडीदीप भोपाल, नागपुर के प्लांटों में बॉयोडिग्रीडेबल रेल नीर तैयार होगा।

सिंगल यूज्ड होंगी बॉयोडिग्रीडेबल बॉटल्स

बॉयोडिग्रीडेबल बोतलों की ये खासियत होगी कि ये बस केवल एक बार ही प्रयोग की जा सकेंगी। दूसरी बार इसका इस्तेमाल किया गया तो ये फट जाएंगी। यह बॉटल्स मिट्टी के संपर्क में आते ही खाद या मिट्टी बन जाएंगी।

वर्जन

सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के बाद आईआरसीटीसी ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बॉयोडिग्रीडेबल बोतलों में रेल नीर सप्लाई की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही सभी स्टेशनों पर बॉयोडिग्रीडेबल बोतलों में रेल नीर अवेलेबल होगा।

-अश्विनी श्रीवास्तव

मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक

आईआरसीटीसी

पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर रेलवे सबसे ज्यादा गंभीर है। इसीलिए रेलवे ने सबसे पहले सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठा दिया है। इसका असर पर्यावरण पर जरूर दिखेगा।

-अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर