- शहर के नकहा रेलवे गेट के पास पांच संदिग्धों की बातचीत पर अलर्ट

- समस्तीपुर के मंडल रेल सुरक्षा आयुक्त ने 14 अक्टूबर को जारी किया था पत्र

GORAKHPUR: नेपाल बॉर्डर से सटे सीएम योगी आदित्यनाथ के जिले में आतंकी संगठनों की सक्रियता की सूचना से हड़कंप मचा हुआ है। पूर्व मध्य रेलवे के मंडल सुरक्षा आयुक्त समस्तीपुर डिवीजन के पत्र पर पुलिस, क्राइम ब्रांच, खुफिया एजेंसियों, एटीएस सहित अन्य ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि गोरखपुर के एसएसपी ने किसी आतंकी संगठन की सक्रियता से इंकार किया। उन्होंने कहा कि सूचना के संबंध में जांच पड़ताल की गई। इसमें कोई गंभीरता नहीं पाई गई। लेकिन नेपाल बॉर्डर और त्योहारों को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। हम हर स्थिति से निपटने को पूरी तरह से तैयार हैं।

नकला जंगल रेलवे गेट के पास सुनी बातचीत

नेपाल बॉर्डर से सटे होने की वजह से आतंकियों के लिए गोरखपुर ट्रांजिट प्वॉइंट बन चुका है। पूर्व में बॉर्डर और आसपास के एरिया में कई आतंकी पकड़े जा चुके हैं। ख्ख् मई ख्007 को गोलघर में सीरियल ब्लास्ट के बाद गोरखपुर भी अतिसंवेदनशील हो गया था। कुछ दिन पूर्व पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली कि नकहा जंगल रेलवे गेट के पास सफेद कार सवार पांच लोगों ने दीपावली पर धमाका करने की बात की है। सिगरेट पीने उतरे लोगों की बातचीत सुनकर किसी ने यह सूचना फैलाई। इसके आधार पर क्ब् अक्टूबर को पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर के मंडल सुरक्षा आयुक्त मंडल के सभी अधिकारियों को पत्र भेजकर अलर्ट जारी किया। हालांकि यह पत्र गोरखपुर के पुलिस अधिकारियों को नहीं भेजा गया। न ही एनईआर में सुरक्षा से संबंधित कोई जानकारी दी गई। सूचना लीक होने पर गोरखपुर पुलिस ने इसकी जांच पड़ताल शुरू कराई।

सफेद कार सवारों के जाने के बाद दी सूचना

एक व्यक्ति की तरफ से दी गई सूचना में बताया गया था कि क्म् सितंबर को नकहा रेलवे गेट स्थित एक सर्विस सेंटर के पास सफेद कार सवार पांच लोग उतरे थे। सिगरेट पी रहे लोगों ने आपस में बातचीत करते हुए कहा कि इस बार की दीपावली काफी धमाकेदार होगी, पूरा हिंदुस्तान देखेगा और याद रखेगा। आपस में बात करने वालों की उम्र करीब फ्भ् से ब्भ् साल रही होगी। उनमें चार लोगों ने कुर्ता पायजामा पहना था। जबकि एक व्यक्ति ने कुर्ता और जींस की पैंट पहन रखी थी। तीन संदिग्ध व्यक्तियों की ढाढ़ी थी। दो अन्य व्यक्ति क्लीन शेव थे। उनमें शामिल एक व्यक्ति के गाल पर बाएं तरफ कटे का निशान था। आपस में बातचीत करने के बाद संदिग्ध कहीं चले गए। गोपनीय सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने जांच कराई। लेकिन इस संबंध में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल सका।

स्लीपर सेल के आतंकियों ने कई लोगों से की मुलाकात

खुफिया एजेसियों की तरफ से जारी पत्र में बताया गया है कि लश्कर ए तैयबा के स्लीपर मॉड्यूल ने इस साल मार्च में गोरखपुर सहित कई शहरों की रेकी की थी। इस दौरान आतंकियों ने गोरखपुर में कई लोगों से मुलाकात की। इसका जिक्र भी खुफिया एजेंसियों के पत्र में किया गया था। इसलिए मंडल सुरक्षा आयुक्त का पत्र मिलने के बाद मामले की छानबीन शुरू करा दी गई। लेकिन कोई तथ्य सामने नहीं आ सका। लेकिन इसको देखते हुए एसएसपी ने पुलिस अफसरों को संदिग्ध परिस्थितियों पर नजर रखने और लगातार जांच अभियान चलाने का निर्देश जारी किया। उधर सीओ क्राइम ब्रांच प्रवीण सिंह की अगुवाई में पुलिस टीम पूरे मामले में नजर रख रही है।

बॉक्स

सीरियल ब्लास्ट से दहला था गोलघर

नेपाल बॉर्डर से सटे होने की वजह से आतंकी संगठन गोरखपुर को ट्रांजिट प्वॉइंट के रूप में इस्तेमाल करते हैं। पाक से कश्मीर जाने के लिए नेपाल बॉर्डर का रास्ता चुना जाता है। पूर्व में गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर सहित कई जिलों से संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके पूर्व ख्ख् मई ख्007 को सीरियल ब्लास्ट हो चुके हैं। शहर के दिल गोलघर में साइकिल में टिफिन बम रखकर आतंकियों ने सीरियल ब्लास्ट किया था। तब जांच एजेंसियों ने बताया था कि इसे लश्कर के आतंकियों ने अंजाम दिया था। घटना में शामिल तीन आतंकियों को अरेस्ट किया गया। पकड़े जाने पर तीनों ने गोरखपुर, वाराणसी सहित अन्य शहरों में ब्लास्ट की बात स्वीकार की थी।

वर्जन

यह एक अपुष्ट खबर थी। क्म् सितंबर को किसी व्यक्ति ने संदिग्धों को देखा था। इस मामले में क्0 तारीख तक जांच पड़ताल की गई लेकिन कोई प्रमाणिक तथ्य नहीं मिले। एटीएस भी इसकी पड़ताल कर चुकी है। ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए हम लोग पूरी तरह से तैयार हैं। हमारी खुफिया एजेंसियां, सुरक्षा दस्ता पूरी तरह से हाई अलर्ट पर हैं।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी