- सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में नहीं पैरामीटर्स के अनुसार टीचर्स - कई बार नोटिस देने के बाद भी कॉलेजों ने अभी तक नहीं भेजी डिटेल

<- सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में नहीं पैरामीटर्स के अनुसार टीचर्स - कई बार नोटिस देने के बाद भी कॉलेजों ने अभी तक नहीं भेजी डिटेल

- 174 कॉलेज कुल हैं एलयू से संबद्ध

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- क्7ब् कॉलेज कुल हैं एलयू से संबद्ध

- - 120 कॉलेज सेल्फ फाइनेंस के

<क्ख्0 कॉलेज सेल्फ फाइनेंस के

- - 100 के करीब कॉलेजों टीचर्स के अनुमोदन की पुष्टि नहीं

- 08 अप्रैल तक एलयू को देनी थी सूचना

- 80 हजार के लगभग स्टूडेंट्स कॉलेजों में

<क्00 के करीब कॉलेजों टीचर्स के अनुमोदन की पुष्टि नहीं

- 08 अप्रैल तक एलयू को देनी थी सूचना

- 80 हजार के लगभग स्टूडेंट्स कॉलेजों में

lucknow@inext.co.in

LUCKNOW:

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LUCKNOW: राजधानी के सेल्फ फाइनेंस कॉलेज में टीचर्स के अनुमोदन में जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. शासन ने पिछले सत्र में भी टीचर्स और प्रिंसिपल के सत्यापन का निर्देश लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन को दिया था, लेकिन एलयू की ओर से लगातार नोटिस जारी करने के बाद भी सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों ने एलयू को अभी तक अपने टीचर्स का पूरा डाटा नहीं भेजा है. यह भी पता चला है कि एलयू से संबद्ध करीब तीन दर्जन से अधिक कॉलेज ऐसे हैं जिनके शिक्षकों का अनुमोदन अभी तक यूनिवर्सिटी ने नहीं कराया गया. वहीं एलयू प्रशासन ने भी मानो इस ओर से अपनी आंखें मूंद रखी हैं.

यह है नियम

राज्य सरकार के नियम के अनुसार कॉलेज को मान्यता जारी करते समय वहां पढ़ाने वाले टीचर्स का पूरा ब्योरा भी देना होता है. बीएड, बीटीसी या फिर सामान्य डिग्री कॉलेज में अनुमोदन के लिए टीचर्स को कमेटी के सामने इंटरव्यू भी देना होता है. इसके बाद ही उस टीचर का अनुमोदन किया जाता है.

दो कॉलेजों में नहीं पढ़ा सकते टीचर्स

यह अनुमोदन नियमित होता है इसलिए टीचर्स एक साथ दो कॉलेज में नहीं पढ़ा सकते हैं. लखनऊ यूनिवर्सिटी संबद्ध डिग्री कॉलेजों के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मौलेंदु मिश्रा ने बताया कि कॉलेज योग्य टीचर्स का अनुमोदन यूनिवर्सिटी से करा लेते हैं, लेकिन बाद में अनुमोदित टीचर्स के बजाय कम सैलरी पर काम कराया जाता है.

सेंट्रलाइज डाटा से खत्म होगी समस्या

रजिस्ट्रार एसके शुक्ला ने बताया कि डिग्री स्तर के शिक्षकों का केंद्रीयकृत डाटा तैयार कर इस फर्जीवाड़े को रोका जा सकता है. इस डाटा में आधार नंबर भी डालना चाहिए. एचआरडी मिनिस्ट्री ने इसी आधार पर टीचर्स का डाटा बेस तैयार किया था. इसके बाद देश भर में म्0 हजार से ज्यादा फर्जी टीचर्स का खुलासा हुआ था. प्रदेश सरकार इसे लागू करे तो यहां भी काफी फर्जी शिक्षक सामने आएंगे. उन्होंने बताया कि इस बार भी कॉलेजों को नोटिस भेजा गया है, लेकिन अभी तक किसी कॉलेज ने डाटा नहीं उपलब्ध कराया है.

आठ अप्रैल थी डेडलाइन

एलयू ने संबद्ध सेल्फ फाइनेंस प्राइवेट कॉलेजों के टीचर्स के उत्पीड़न पर कॉलेजों को फटकार लगाते हुए उनसे पूरी जानकारी मांगी है. इसके लिए रजिस्ट्रार की ओर से दो प्रोफॉर्मा कॉलेजों को भेजे गए हैं. जिस पर कॉलेजों से सभी जानकारी 8 अप्रैल तक एलयू को उपलब्ध कराने को कहा था, लेकिन डेडलाइन खत्म होने के बाद भी कॉलेजों की ओर से जानकारी एलयू को नहीं भेजी गई.

रेग्युलर करने की मांग

क्7ब् के करीब एडेड और सेल्फ फाइनेंस कॉलेज एलयू से संबद्ध हैं. इनमें करीब भ्00 टीचर सेल्फ फाइनेंस कोर्स में पढ़ाते हैं. एसोसिएशन के सचिव डॉ. शिव कुमार ने बताया कि एडेड कॉलेजों में क्भ्0 शिक्षक यूनिवर्सिटी से अनुमोदित हैं, लेकिन उनका विनियमितीकरण नहीं किया जा रहा है. साथ ही वेतन निर्धारण की मांग भी नहीं सुनी जा रही है.

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पूरे खर्च का मांगा हिसाब

रजिस्ट्रार एसके शुक्ला की ओर से भेजी गई नोटिस में कॉलेजों से उनके यहां चलने वाले कोर्स, उनमें सीटें, मान्यता मिलने के बाद अभी तक कितने स्टूडेंट्स पढ़ कर निकले, निर्धारित फीस, फीस से कुल आय, इस फीस का 80 प्रतिशत खर्च का पूरा हिसाब मांगा गया था. इसके अलावा कॉलेजों से उनके यहां अनुमोदित शिक्षकों की पूरी डिटेल, उनका वेतन और सीपीएफ में कितनी कटौती की जाती है इसकी पूरी जानकारी देने को कहा था.

कोट

टीचर्स के अनुमोदन में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है. सत्र शुरू होने से पहले हम ऐसी व्यवस्था करेंगे जिससे कि शिक्षक अनुमोदन में होने वाले फर्जीवाड़े को स्थाई रूप से समाप्त किया जा सके.

- एसके शुक्ला, रजिस्ट्रार

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केस-क्

शैक्षिक सत्र ख्0क्8-क्9 में एलयू से संबद्ध कई कॉलेज में ऐसे शिक्षक पकड़े गए जो एक से ज्यादा जगह पढ़ा रहे थे. इनमें से कुछ तो गवर्नमेंट जॉब में भी थे. कई ऐसे भी मिले जिन्हें उसी कॉलेज में बीएड व बीटीसी दोनों विभागों में दिखाया गया.

केस ख्.

एलयू से संबद्ध कुछ कॉलेजों ने अपने यहां के टीचर्स का ब्योरा वेबसाइट पर अपडेट किया था. इसके बाद उन कॉलेजों की सूची में मौजूद करीब फ्00 टीचर्स ने एलयू को सूचित किया कि वह कभी उस कॉलेज में कभी पढ़ाने ही नहीं गए.