एसबीटीसी के निर्देशों के तहत प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सालयों, चिकित्सा केंद्रों व चिकित्सा संस्थानों में भर्ती मरीजों को मिलेगा लाभ

निर्देशों के बाद भी फ्री ब्लड न देने वाले संस्थानों को शासन ने दी चेतावनी

Meerut। अगर मरीज प्रदेश के किसी सरकारी हॉस्पिटल में एडमिट है और उसे ब्लड की आवश्यकता है, तो परिजनों को फीस की चिंता करने की जरूरत नहीं है। नेशनल हेल्थ मिशन ने ब्लड एक्सचेंज के लिए लगने वाली प्रोसेसिंग फीस को खत्म कर दिया है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग ने मेरठ समेत प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सालयों, चिकित्सा केंद्रों व चिकित्सा संस्थानों को ब्लड फ्री करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

एडमिट मरीजों को ही सुविधा

सरकारी अस्पतालों में स्वैच्छिक रक्तदान और स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती करने के उददेश्य से एनएचएम ने यह निर्णय लिया है, जिसके तहत ब्लड से प्रोसेसिंग फीस खत्म होने का फायदा सिर्फ सरकारी अस्पतालों में एडमिट मरीज को ही मिल सकेगा। प्राइवेट अस्पतालों में एडमिट मरीजों को इसके लिए बकायदा निर्धारित शुल्क देना होगा। अभी तक सरकारी ब्लड बैंकों में जननी सुरक्षा योजना, थैलेसीमिया, बीपीएल कार्ड होल्डर और असहाय लोगों को ही फ्री ब्लड उपलब्ध कराया जाता था।

देना होगा खून

ब्लड के बदले तीमारदार को सेम ग्रुप का ब्लड की देने की व्यवस्था को नए नियम में बरकरार रखा गया है। इसके तहत उन जरूरतमंद लोगों को सबसे ज्यादा फायदा मिल सकेगा जो आर्थिक कारणों के चलते प्रोसेसिंग फीस नहीं चुका पाते है। वहीं डोनर्स के ब्लड को बेचकर फंड जेनरेट करने का मिथ भी इससे दूर होगा।

होगी कार्रवाई

एनएचएम की ओर से जारी निर्देशों को सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों को तत्काल प्रभाव से लागू करना होगा। इस संबंध में डीजी हेल्थ डॉ। केके गुप्ता ने कहाकि अगर किसी संस्थान में इस नियम को लागू नहीं किया गया तो उक्त संस्थान के उच्च अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं ब्लड बैंक के मुख्य द्वार पर निशुल्क प्रोसेसिंग शुल्क की सूचना और अन्य अतिरिक्त शुल्क का विवरण प्रदर्शित करना भी अनिवार्य होगा।

यह है स्थिति

13 ब्लड बैंक में जनपद हैं

2 सरकारी और 11 ब्लड बैंक प्राइवेट हैं।

1500 से 2000 यूनिट ब्लड औसतन हर महीने मेरठ के सरकारी अस्पतालों में खपत होती है।

250 यूनिट ब्लड की औसतन हर महीने जिला अस्पताल में खपत होती है।

750 यूनिट ब्लड औसतन खपत मेडिकल कॉलेज में होती है।

500 यूनिट ब्लड ब्लड से औसतन खपत जिला महिला अस्पताल में

400 रुपए प्रति यूनिट ब्लड होल ब्लड और पैक्ड रेड सेल्स के लिए सरकारी मरीजों के लिए फीस है

1050 रुपये प्रति यूनिट ब्लड प्रोसेसिंग फीस होल ब्लड और पैक्ड रेड सेल्स के लिए प्रति यूनिट ब्लड प्राइवेट मरीजों के लिए फीस है

200 रुपए प्रति यूनिट ब्लड प्रोसेसिंग फीस फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के लिए सरकारी मरीजों के लिए फीस है।

300 रुपए प्रति यूनिट ब्लड प्रोसेसिंग फीस प्राइवेट मरीजों को फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के लिए देने पड़ते हैं।

1450 रुपए प्रति यूनिट ब्लड प्राइवेट हॉस्पिटल में फीस है।

हमारे पास ब्लड फ्री करने के निर्देश आ गए हैं। ब्लड बैंक इंचार्ज को इसे लागू करने के लिए निर्देश भी दे दिए गए हैं।

डॉ। आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज