-कुंभ मेला के दौरान पड़ने वाली तीन शाही स्नान पर्वो को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बनाई योजना

एक के पीछे एक चलेंगे संत-महात्मा

तय क्रम के अनुसार चाहे मकर संक्रांति हो या मौनी अमावस्या या फिर बसंत पंचमी का शाही स्नान

-सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा के संत-महात्मा स्नान को निकलेंगे उसके पीछे अटल अखाड़ा के हजारों संतों का काफिला निकलेगा।

-दूसरे नंबर पर निरंजनी अखाड़ा और उसके पीछे आनंद अखाड़ा का क्रम होगा।

-तीसरे नंबर पर जूना अखाड़ा, आवाहन अखाड़ा और अनि अखाड़ा के संत-महात्मा निकलेंगे।

-सबसे पीछे बड़ा उदासीन अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़ा और निर्मल अखाड़ा के महात्माओं का जत्था शाही स्नान के लिए निकलेगा।

ALLAHABAD: संगम की रेती पर तीन महीने के बाद दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेला कुंभ का आयोजन होने जा रहा है। इस बार कुंभ मेला में पड़ने वाले तीन प्रमुख शाही स्नान पर्वो को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तैयारियां करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसी शाही स्नान पर्वो के दिन कौन सा अखाड़ा पहले शाही स्नान करेगा और उसके बाद किस अखाड़े का नम्बर आएगा। इन सबको लेकर अखाड़ा परिषद ने सिलसिलेवार तरीके से अखाड़ों के संत-महात्माओं के स्नान का क्रम तय कर लिया गया है।

स्नान के लिए बनेगा वीवीआईपी घाट

कुंभ मेला में परंपरा रही है कि अखाड़ों के संत-महात्माओं के लिए अलग से स्नान घाट बनाया जाता है। इसे वीवीआईपी घाट कहा जाता है। प्रयागराज के कुंभ मेला में भी संत-महात्माओं के लिए अलग से वीवीआईपी घाट का निर्माण कराया जाएगा। हालांकि घाट का निर्माण कहा पर किया जाएगा इसका निर्धारण प्रयागराज मेला प्राधिकरण के द्वारा किया जाएगा।

स्नान पर्वो का नाम व तिथियां

पंद्रह जनवरी : मकर संक्रांति, पहला शाही स्नान पर्व

21 जनवरी : पौष पूर्णिमा

04 फरवरी : मौनी अमावस्या, दूसरा शाही स्नान पर्व

10 फरवरी : बसंत पंचमी, तीसरा शाही स्नान पर्व

19 फरवरी : माघी पूर्णिमा

04 मार्च : महाशिवरात्रि

वर्जन

कुंभ में शाही स्नान पर्वो के लिए अखाड़ों के स्नान का क्रम तय कर लिया गया है। जिसकी जानकारी सभी तेरह अखाड़ों के श्री महंतों को दे दी गई है। शाही स्नान के लिए पेशवाई भी परंपरागत तरीके से निकाली जाएगी।

-महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद