नई दिल्ली/कानपुर (एएनआई/राॅयटर्स/इंटरनेट डेस्क)। मानसून अपने पश्चिमी छोर पर सामान्य बना हुआ है। सौराष्ट्र और आसपास के इलाकों में चक्रवात बन रहा है। अगले 24 घंटों के दौरान इसमें कमी आने की संभावना है। आईएमडी ने बताया कि 19 से 21 जुलाई के दौरान मानसून उत्तर में हिमालय की ओर खिसक जाएगा। इसके साथ ही अरब सागर से पूर्वी और पश्चिमी हवाओं से आर्द्रता बढ़ सकती है। पूर्वी तट पर उधर बंगाल की खाड़ी से दक्षिण और दक्षिण पश्चिमी हवाओं के पूर्वोत्तर और उससे लगे पूर्वी भारत की ओर चलेंगी। मानसून में इस प्रकार के बदलावों की वजह से उत्तर भारत, पश्चिमोत्तर भारत और पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश होने के आसार बन रहे हैं। हिमालय के पश्चिमी इलाकों में 18-20 जुलाई को भारी बारिश होगी।

पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल में बाढ़ की आशंका

आईएमडी के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में 19-21 जुलाई को मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। हिमालय से लगे पश्चिम बंगाल के इलाके, सिक्किम, असम और मेघालय के कुछ इलाकों में 19-21 जुलाई को भारी बारिश हो सकती है। अरुणाचल प्रदेश में 19-20 जुलाई को, नागालैंड में 21 जुलाई में कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार हैं। आईएमडी ने अपने पूर्वानुमानों में बताया है कि पूर्वोत्तर भारत, हिमालय से लगे पश्चिम बंगाल के इलाके और सिक्किम में मूसलाधार बारिश की वजह से नदियों का पानी चढ़ जाएगा जिससे नदी तट से लगे इलाकों में बाढ़ की आशंका है। अगले 12 घंटों के दौरान पश्चिमोत्तर भारत और उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान और गरज-चमक के साथ भारी बारिश हो सकती है।

खरीफ की बुवाई का रकबा 21.2 प्रतिशत ज्यादा

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय ने कहा कि भारतीय किसानों ने खरीफ सीजन में 6.92 करोड़ हेक्टेयर में फसलों की बुवाई की है। पिछले साल के मुकाबले इस बार यह रकबा 21.2 प्रतिशत ज्यादा है। देश भर में मानसून की मेहरबानी से इस बार खरीफ सीजन में अच्छी उपज की उम्मीद है। 1 जून से किसान खरीफ सीजन की बुवाई शुरू कर देते हैं। यह वही समय होता है जब देश में मानसून प्रवेश करता है। फसलों की बुवाई का काम जुलाई के अंत या कहीं-कहीं अगस्त के शुरुआत तक जारी रहता है। खरीफ सीजन की मुख्य फसल है। इस बार 17 जुलाई तक धान की रोपाई का रकबा 1.68 करोड़ हेक्टेयर था जो पिछले साल इस समय तक 1.42 करोड़ हेक्टेयर था।

सकल कृषि मूल्य में 3.5 से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी

जून से अक्टूबर में होने वाली खरीफ फसल के लिए इस साल मौसम पिछले साल के मुकाबले 44.1 प्रतिशत ज्यादा अनुकूल बना रहेगा। इनवेस्टमेंट इनफार्मेशन फर्म आईसीआरए ने कहा कि 2019 के मुकाबले इस साल खरीफ का रकबा आधा से ज्यादा है। इस बार मानसून समय से आया और अभी तक देश भर में सामान्य बारिश हुई है। कोरोना महामारी के कारण शहरों से मजदूरों की बड़ी आबादी ग्रामीण भारत की ओर लौटी है। ऐसे में जरूरी चीजों की डिमांड शहरों की तुलना में गांवों में बढ़ेगी। आईसीआरए के मुताबिक, मजदूरों के गांव में उपलब्ध रहने और अनुकूल आर्द्रता की वजह से वित्त वर्ष 21 में सकल कृषि मूल्य में 3.5 से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

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