छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : घाटशिला से कुंती देवी इलाज कराने के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंची थी। यहां पर ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद मिले। इस पर महिला नाराज हो गई। कहा, मैं घाटशिला से 50 रुपये भाड़ा देकर आयी हूं। मजदूरी करती हूं। पैर में काफी तेज दर्द है। नाराजगी जताते-जताते वह अस्पताल से लौट गई। इसी तरह, पटमदा से हलधर महतो के सिर में हमेशा दर्द रहता है। वह भी इलाज कराने पहुंचे थे। मगर, ओपीडी बंद होने के कारण लौटना पड़ा।

ग्रामीणों को जानकारी नहीं

ग्रामीण क्षेत्रों से आए अधिकांश मरीजों को डॉक्टरों की हड़ताल की जानकारी नहीं थी। जिसके कारण उन्हें परेशानी हुई। एमजीएम अस्पताल सहित सदर व अधिकांश निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहा। इससे इमरजेंसी विभाग में भीड़ बढ़ गई। एमजीएम के ओपीडी में रोजाना एक हजार से 1200 मरीज जांच व इलाज कराने पहुंचे हैं।

डॉक्टरों ने घूम-घूमकर कराया बंद

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आह्वान पर शनिवार को डॉक्टरों ने सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवा शुरू रही। गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा था। कार्य बहिष्कार में जूनियर डॉक्टरों का भी सहयोग मिला। अंत में डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा।

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध

एनएमसी बिल को लेकर केंद्र सरकार से एसोसिएशन की वार्ता हुई थी। समिति में डॉक्टरों को रखने, एमबीबीएस छात्रों के लिए एग्जिट एग्जाम की अनिवार्यता समाप्त करने समेत कई अन्य बिंदुओं पर बिल में संशोधन की मांग की गई थी। सरकार ने एनएमसी बिल में संशोधन नहीं किया। इसी के विरोध में एक दिन का कार्य बहिष्कार किया गया।

जमशेदपुर के सदर को बेस्ट हॉस्पिटल का खिताब

सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में जमशेदपुर का खासमहल स्थित सदर अस्पताल झारखंड में अव्वल है। यही वजह है कि सरकार ने इसे राज्य का सर्वश्रेष्ठ जिला अस्पताल घोषित करते हुए कायाकल्प अवार्ड 2017-18 देने की घोषणा की है। वहीं, राज्य का सर्वश्रेष्ठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोड्डा का सुंदरपहाड़ी चुना गया है। इसके अलावा नौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को नाम भी कायाकल्प अवार्ड के लिए चयनित किया गया है।