बजट पर एक नजर

284001 लाख कुल आय की उम्मीद

276885 लाख व्यय की उम्मीद

- उप्र आवास एवं विकास परिषद की 248वीं बोर्ड बैठक में लिया गया फैसला

- अभी तक सिर्फ दो फीसद ही मिलती थी छूट, रिक्त संपत्तियों के आवंटन में ही मिलेगी राहत

- बैठक में 81 प्रस्तावों के सापेक्ष 52 का हुआ अनुमोदन, शेष प्रस्तावों पर अगली बैठक में होगा निर्णय

फैक्ट फाइल

- 2074.21 लाख पूंजीगत आय का लक्ष्य

- 1120 लाख संपत्तियों व बिक्री से आय का लक्ष्य

- 765.80 लाख राजस्व आय

- 2258.59 लाख विकास कार्यो पर होंगे खर्च

- 150 करोड़ नाले-नालियों और पार्को के निर्माण पर होंगे खर्च

- 896 करोड़ नए मकानों के निर्माण पर खर्च

- 200 करोड़ रुपए नई आवासीय योजनाओं पर व्यय

LUCKNOW: उप्र आवास एवं विकास परिषद की ओर से फ्लैट खरीदने वालों को बड़ी राहत दी गई है। बुधवार को प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई परिषद की 248वीं बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि परिषद की विभिन्न योजनाओं में अगर कोई फ्लैट (रिक्त) खरीदता है और 60 दिन के अंदर एक मुश्त भुगतान कर दिया जाता है तो संपत्ति के कुल मूल्य में 5 प्रतिशत छूट दी जाएगी। अभी तक सिर्फ दो प्रतिशत की छूट दिए जाने का प्राविधान था। जिससे साफ है कि आवंटियों की जेब कम ढीली होगी। बोर्ड बैठक में कुल 81 प्रस्तावों के सापेक्ष 52 प्रस्तावों का अनुमोदन हुआ। वहीं शेष प्रस्तावों पर अगली बोर्ड बैठक में निर्णय लिया जाएगा। बैठक में परिषद के कमिश्नर अजय चौहान, अपर आवास आयुक्त एवं सचिव विशाल भारद्वाज भी मौजूद रहे।

दो योजनाओं के बीच बनेगा आरओबी

बोर्ड बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि अवध विहार योजना और वृंदावन योजना लखनऊ को जोड़ने वाली रेल उपरगामी सेतु (आरओबी) का भी निर्माण कराया जाएगा। वसुंधरा योजना गाजियाबाद के सेक्टर सात में पीपीपी मॉडल बेस स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लैक्स बनाया जाएगा। इसी तरह परिषद की वृंदावन योजना संख्या 1,2,3 व 4 लखनऊ में नियोजन समिति द्वारा अर्जन मुक्त की गई भूमि का प्रथम आवंटन दर से असुधार शुल्क लिए जाने का निर्णय लिया गया। वृंदावन योजना संख्या चार में ग्राम कल्ली पश्चिम में सिंचाई विभाग की भूमि को लिए जाने वाले प्रस्ताव पर भी मुहर लगी।

लैंड पूलिंग स्कीम क्रियांवित

परिषद द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट्स के रूप में लैंड पूलिंग स्कीम के क्रियांवयन पर भी मुहर लगाई गई। वहीं मथुरा में भी नई योजनाएं डेवलप करने पर सहमति बनी। परिषद की सिद्धार्थ विहार योजना गाजियाबाद में अधिग्रहीत भूमि के सापेक्ष परिषद द्वारा आवंटित छह प्रतिशत विकसित भूखंडों में मिश्रित भू-उपयोग के लिए विकास शुल्क लिए जाने व मिश्रित उपयोग हेतु मानचित्र स्वीकृत किए जाने संबंधी प्रस्ताव पर भी मुहर लगी।

अवैध निर्माण पर कार्रवाई

अपनी योजनाओं में अवैध निर्माण पर अंकुश के लिए भी परिषद ने कदम बढ़ाया है। परिषद के पास अभी तक अवैध निर्माण को सील करने का अधिकार नहीं है। उप्र आवास एवं विकास परिषद अधिनियम 1965 की धारा 82 में संशोधन के प्रस्ताव को बोर्ड ने स्वीकृति दे दी। अब यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद परिषद को भी विकास प्राधिकरणों की तरह अवैध निर्माण सील करने का अधिकार मिल जाएगा।