RANCHI : निजी अस्पतालों व क्लीनिकों को अनिवार्य रूप से अपने रिसेप्शन पर चिकित्सकों के नाम तथा चिकित्सा सेवाओं में लिए जानेवाले शुल्क की दर का स्पष्ट उल्लेख करना होगा। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में हुई क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट की स्टेट काउंसिल की बैठक में इसे सख्ती से अनुपालन कराने पर सहमति बनी। इसका अनुपालन नहीं करनेवाले अस्पतालों के विरुद्ध एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.प्रधान सचिव ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं की दर की पहले से ही जानकारी मिल जाने से मरीजों या परिजनों को निर्णय लेने में आसानी होगी। इससे इलाज के बाद अधिक बिल आने की शिकायत को लेकर चिकित्सकों या अस्पताल प्रबंधक से विवाद की आशंका कम हो जाएगी।

लगाने होंगे इक्विपमेंट्स

बैठक में निजी अस्पतालों में अनिवार्य रूप से अग्निशमन उपकरण लगाने तथा बायोमेडिकल वेस्ट के नियमानुसार निष्पादन कराने पर भी सहमति बनी। बैठक में इस एक्ट के अनुपालन कराने में आइएमए से सहयोग लेने पर भी सहमति बनी। आइएमए के प्रतिनिधियों ने इसमें हर सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में एक्ट के तहत अस्पतालों के निबंधन से संबंधित आवेदन जिलों में लंबित होने पर प्रधान सचिव ने नाराजगी प्रकट की.बैठक में विभाग के उपसचिव अभिषेक श्रीवास्तव, निदेशक प्रमुख डा। राजेंद्र पासवान, वरिष्ठ चिकित्सक डा। अजय कुमार सिंह, आइएमए के सचिव डा। प्रदीप कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

झोलाछाप चिकित्सकों के 42 क्लीनिकों पर कार्रवाई

बैठक में झोलाछाप चिकित्सकों पर शिकंजा कसने का भी निर्णय लिया गया। इससे संबंधित पत्र सभी उपायुक्तों को भेजा जाएगा। बैठक में बताया गया कि हाल के दिनों में सात जिलों में 42 क्लीनिकों पर कार्रवाई हुई है।