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लोगों की शनिवार रात से रविवार शाम तक हुई हादसे में मौत
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लोगों ने रविवार रात से सोमवार शाम तक हादसों में गंवाई जान
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लोगों ने सोमवार रात से बुधवार शाम तक तोड़ा दम
-बढ़ते हादसों पर विराम लगाने की जिम्मेदार नहीं कर रहे ठोस प्रयास
-हर रोज चालकों की लापरवाही से जिले में बढ़ रहे हैं रोड एक्सीडेंट
PRAYAGRAJ: सड़क पर मौत और कोहराम का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। ड्राइवरों की लापरवाही से चार दिन में 13 लोगों की हादसे में मौत हो गई। बावजूद इसके जिम्मेदार खामोश बैठे हुए हैं। इस खामोशी से चालकों की स्पीड और लापरवाही दोनों ही बढ़ती जा रही है। इन पर अंकुश लगाने का मुकम्मल प्लान अब तक नहीं तैयार हो सका है। सोमवार रात से बुधवार शाम तक हुए हादसों में जिले के चार लोगों की मौत हो चुकी है।
शांतिपुरम में हुआ हादसा
फाफामऊ शांतिपुरम में मंगलवार रात नशे में धुत ट्रक चालक ने विनोद जायसवाल (36) को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद वह उसने ट्रक से सामने जा रही कार व एक ट्रैक्टर में टक्कर मार दी। जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे कार एवं ट्रक चालक को परिजनों ने शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया है। शिवगढ़ बाजार निवासी विनोद स्व। सोहनलाल जायसवाल के बेटे थे। उनकी मौत से पत्नी उमा देवी, बेटी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल है। हादसा उस वक्त हुआ जब वह दवा लेकर बाइक से घर लौट रहे थे। इसी तरह नैनी औद्योगिक एरिया के तेंदुआन निवासी अमर सिंह यादव (57) पुत्र विजय बहादुर यादव की भी हादसे में मौत हो गई। वह छिवकी सीओडी में तैनात थे। ड्यूटी से घर लौटते समय सीओडी से कर्मा रोड पर बोलेरो ने उन्हें टक्कर मार दी थी।
बालिका समेत युवक को रौंदा
हंडिया के जगदीशपुर निवासी तेजबहादुर की बेटी सुमन सरोज (11) को गांव के पास ही रोड पर बोलेरो ने कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। भाग रहे चालक को बोलेरो सहित ग्रामीण दौड़ाकर पकड़ लिए। वह पांच बहनों में छोटी थी। उससे छोटा एक भाई है। उसकी मौत से मां उर्मिला सहित पूरे परिवार में कोहराम मच गया। इसी तरह, हादसे में घायल एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती रावेंद्र उर्फ कुट्टू (24) की भी मौत हो गई। वह शंकरगढ़ के इटवा गांव निवासी शिवपाल का बेटा है। अपने ट्रक चालक दोस्त के साथ वह एमपी टमाटर लादने गया हुआ था। वहां शिवपुरी जिले के सुरवाया क्षेत्र में एक्सीडेंट हो गया। भोपाल हॉस्पिटल से रेफर करवा कर परिजन एसआरएन हॉस्पिटल लाए थे।
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हादसे की मुख्य वजहें
-रोड पर चालकों द्वारा लापरवाही बरतते हुए ड्रिंक कर गाड़ी चलाना
-कंट्रोलिंग पॉवर से अधिक स्पीड में व्हीकल का होना
-चालक द्वारा बगैर सोचे समझे साइड लेना व स्टंट करते हुए कट मारना
-डिवाइडर या टर्निग प्वाइंट पर गति बगैर धीमा किए गाड़ी को मोड़ना
-चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन न किया जाना
चेकिंग में तेज रफ्तार या ड्रिंक कर पकड़े गए लोगों की गाडि़यों के चालान किए जाते हैं। जिले में बराबर चेकिंग चल रही है। यह समस्या कार्रवाई के खौफ से नहीं, मानसिक चेतना से ही दूर सकती है।
-कुलदीप सिंह,
एसपी ट्रैफिक प्रयागराज