i reality check

-रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों ने जंक्शन को पॉलीथिन फ्री जोन बनाने का लिया है संकल्प

-गोदान, पवन और सिंकदराबाद एक्सप्रेस में होती है सबसे ज्यादा सप्लाई

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PRAYAGRAJ: स्टेशनों को पॉल्यूशन और पॉलीथिन फ्री जोन बनाने के लिए रेलवे स्पेशल कैंपेन चला रहा है। जिसके लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को शपथ दिलाई जा रही है। इसके बाद भी इलाहाबाद जंक्शन पर प्रतिबंधित पॉलीथिन में पर-डे सैकड़ों पैकेट पेठा और रेवड़ी बेचा जा रहा है। जिस पर जंक्शन को पॉलीथिन फ्री जोन बनाने का शपथ लेने वाले जिम्मेदार अधिकारियों की पता नहीं क्यों नजर नहीं पड़ती है।

सीसीटीवी में देख सकते हैं हकीकत

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने शनिवार को जंक्शन का रियलिटी चेक किया तो कुछ इसी तरह की हकीकत सामने आई। इसे कैमरे में कैद किया गया, जो पूरी हकीकत को खुद ही बयां कर रहा था। लेकिन पता नहीं क्यों जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर नजर फेर रखी है। जबकि जंक्शन के सभी प्लेटफार्मो पर लगे सीसीटीवी कैमरे से हकीकत कभी भी देखी जा सकती है।

जब पहुंची गोदान एक्सप्रेस

शनिवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे रिपोर्टर इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर सात पर पहुंचा। 9.50 पर लोकमान्य तिलक टर्मिनस से गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर सात पर पहुंची। जैसे ही प्लेटफार्म पर गोदान एक्सप्रेस के आने का अनाउंसमेंट हुआ, प्लेटफॉर्म पर वेंडरों की हलचल बढ़ गई। कोई कैरेट में 20 रुपए का तीन समोसा चिल्ला-चिल्लाकर बेच रहा था तो कोई खोमचे पर रखा केला। वहीं कुछ वेंडर ऐसे भी थे, जो रेवड़ी और पेठा का पैकेट लेकर जहां ट्रेन के अंदर बेच रहे थे। वहीं कुछ लोग प्लेटफार्म पर दुकान लगाकर बैठे हुए थे।

थर्ड क्वालिटी की पॉलीथिन हो रही यूज

रिपोर्टर की नजर पेठा और रेवड़ी के पैकेट्स पर पड़ी तो यह और चौंकाने वाला था। पता चला कि यह किसी ब्रांडेड कंपनी नहीं, बल्कि प्रयागराज के बाई का बाग और लूकरगंज में चल रहे कारखानों में पैक कराए गए थे। इसमें बहुत ही थर्ड क्वॉलिटी और पांच माइक्रोन से कम की पॉलीथिन यूज की गई थी। जबकि रेलवे के फूड सेफ्टी विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार जंक्शन पर अब कोई भी सामान पॉलीथिन में पैक करके नहीं बेचा जा सकता है। पॉलीथिन की जगह कागज के पैकेट में ही फूड आइटम बेचने का आदेश है।

वेंडर ने बताया, शर्मा के अंडर में हैं सभी वेंडर

प्रतिबंधित पॉलीथिन में रेवड़ी-पेठा बेच रहे एक वेंडर से जब रिपोर्टर ने बातचीत की तो उसने बताया कि यह पैकेट बैन है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। वजह, वही नहीं, उस जैसे करीब दो दर्जन लोग शर्मा वेंडर के अंडर में पेठा-रेवड़ी बेच रहे हैं।

यह बात सही है कि प्रतिबंधित पॉलीथिन का इस्तेमाल करना या फिर उसमें सामान बेचना प्रतिबंधित है। अगर वेंडर प्रतिबंधित पॉलीथिन में रेवड़ी-पेठा बेच रहे हैं तो इसकी जांच होगी। पता लगाया जाएगा कि वे आखिर कैसे प्रतिबंधित पॉलीथिन में पैक सामान बेच रहे हैं।

-सुनील कुमार गुप्ता

पीआरओ, इलाहाबाद मंडल